नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) कांग्रेस (INC) की छात्र शाखा है, इसकी स्थापना 9 अप्रैल 1971 को हुई थी. इंदिरा गांधी ने राष्ट्रीय छात्र संगठन बनाने के लिए केरल छात्र संघ और पश्चिम बंगाल राज्य छात्र का विलय कर दिया (Established date of NSUI).
एनएसयूआई का सदस्य बनने के लिए, व्यक्ति की आयु 27 वर्ष से कम होनी चाहिए, वह एक भारत का नागरिक और छात्र होना चाहिए, किसी अन्य राजनीतिक संगठन का हिस्सा नहीं होना चाहिए और अतीत में किसी भी आपराधिक गतिविधि के लिए दोषी नहीं ठहराया गया हो. एनएसयूआई अपने सदस्यों को 'प्राथमिक सदस्य' और 'सक्रिय सदस्य' में वर्गीकृत करता है. एक सदस्य बनने वाले को एनएसयूआई सदस्यता के लिए आवेदन करना होता है, जिसके बाद संगठन की जांच प्रक्रिया होती है और बाद में उसे प्राथमिक सदस्य बनाया जाता है (NSUI Members).
दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा पर हुए एसिड अटैक को लेकर NSUI ने कड़ी नाराजगी जताई है. NSUI अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि यह घटना कानून व्यवस्था की नाकामी दिखाती है और बीजेपी सरकार और दिल्ली पुलिस महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है. संगठन ने अपराधियों की तुरंत गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग की है.
NSUI पदाधिकारी ने कहा कि कांग्रेस 10 मार्च से शुरू होने वाले एमपी विधानसभा के बजट सत्र में इस मुद्दे को उठाएगी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है, तो एनएसयू पूरे एमपी में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेगी.
ABVP Victory Reasons in DUSU Election 2023: शनिवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी को अपना नया छात्रसंघ पैनल मिल गया. तीन साल बाद हुए हाई वोल्टेज चुनाव, पिछला चुनाव 2019 में हुआ था और महामारी के कारण रुका हुआ था. इस साल एबीवीपी ने तीन पदों पर जीत हासिल की, एबीवीपी के तुषार डेढा ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की, एनएसयूआई के अभि दहिया ने उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की और एबीवीपी की अपराजिता और सचिन बैसला ने क्रमशः सचिव और संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की.