कांग्रेस से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) ने मध्य प्रदेश सरकार पर हजारों छात्रों को स्कॉलरशिप का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया और जल्द ही पैसा जारी नहीं होने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी. संगठन ने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों को स्कॉलरशिप के वितरण में भेदभाव का भी आरोप लगाया.
एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता विराज यादव ने एक बयान में कहा कि अगर भाजपा सरकार जल्द ही धनराशि जारी नहीं करती है तो हम मध्य प्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि 2022 के शैक्षणिक सत्र में प्रवेश लेने वाले मध्य प्रदेश भर के हजारों छात्रों को मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति नहीं मिली है.
एनएसयूआई नेता ने दावा किया कि छात्रों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और कई को कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है. उन्होंने कहा कि एनएसयूआई ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और अन्य अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था.
यादव ने कहा हमारी मांगों में मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना और ऐसे अन्य कार्यक्रमों के तहत लंबित धनराशि को तत्काल जारी करना और एससी और एसटी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की समान अवधि शामिल है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में एससी छात्रों को 12 महीने के लिए छात्रवृत्ति मिलती है, जबकि एसटी छात्रों को केवल 10 महीने के लिए मिलती है, जो असंवैधानिक है. एनएसयूआई पदाधिकारी ने कहा कि कांग्रेस 10 मार्च से शुरू होने वाले एमपी विधानसभा के बजट सत्र में इस मुद्दे को उठाएगी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है, तो एनएसयू पूरे एमपी में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेगी.