नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) स्वीडिश और नॉर्वेजियन संस्थानों द्वारा शैक्षणिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक क्षेत्र में दिए जाने वाले वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों का एक समूह है. यह पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल (Alfred Nobel) के याद में दिया जाता है. वह एक स्वीडिश रसायनज्ञ, इंजीनियर और उद्योगपति थे. उन्होंने डायनामाइट का आविष्कार किया था (Innovator of Dynamite). 1896 में उनकी मृत्यु हो गई. उन्होंने अपने वसीयत में अपनी संपत्ति को पांच पुरस्कारों को स्थापित करने के लिए इस्तेमाल किया, जिसे 'नोबेल पुरस्कार' के रूप में जाना जाने लगा. नोबेल पुरस्कार पहली बार 1901 में दिए गए थे (Nobel Prize Starting Date).
नोबेल पुरस्कार भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य और शांति के क्षेत्र में प्रदान किए जाते हैं. 1968 में स्वीडन के केंद्रीय बैंक, Sveriges Riksbank ने अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में पुरस्कार की स्थापना के लिए वित्त पोषित किया, जिसे नोबेल फाउंडेशन (Nobel Foundation) प्रशासित करता है. नोबेल पुरस्कारों को व्यापक रूप से अपने संबंधित क्षेत्रों में उपलब्ध सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों के रूप में माना जाता है (Nobel Prize Categories).
यह पुरस्कार समारोह हर साल होते हैं. प्रत्येक पुरस्कार विजेयता को एक स्वर्ण पदक, एक डिप्लोमा और ईनामी राशि दी जाती है. 2021 में 10,000,000 SEK ईनामी राशी थी. एक पुरस्कार तीन से अधिक व्यक्तियों के बीच साझा नहीं किया जा सकता है, हालांकि नोबेल शांति पुरस्कार तीन से अधिक लोगों के संगठनों को दिया जा सकता है. नोबेल पुरस्कार मरणोपरांत नहीं दिए जाते हैं. हालांकि किसी व्यक्ति को पुरस्कार दिया जाता है और प्राप्त करने से पहले उसकी मृत्यु हो जाती है, तो पुरस्कार प्रदान किया जाता है (Nobel Prize to person).
1901 से शुरू होने वाले नोबेल पुरस्कार और 1969 से शुरू हुए आर्थिक विज्ञान में नोबेल स्मृति पुरस्कार, 962 लोगों और 25 संगठनों को 603 बार दिए जा चुके हैं. पांच व्यक्तियों और दो संगठनों को एक से अधिक नोबेल पुरस्कार मिल चुके हैं (Nobel Prize receivers).
वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरीना मचाडो 10 दिसंबर को नोबेल पुरस्कार लेने नॉर्वे जाना चाहती थी. लेकिन वेनेजुएला की मादुरो सरकार उन्हें ऐसा करने से रोक रही है. मचाडो मादुरो सरकार के खिलाफ लड़ रही हैं और देश में छिपकर रहती हैं.
जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया. टोक्यो में हुई बैठक में दोनों देशों ने ‘Golden Age’ समझौते पर हस्ताक्षर किए और गाज़ा संघर्षविराम में ट्रंप की भूमिका की सराहना की.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नोबेल शांति पुरस्कार ना मिलने का दर्द फिर छलक उठा. ट्रंप ने अपने शांति प्रयासों की सराहना करते हुए नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने पर मलाल जताया. और पीएम मोदी से रूसी तेल की खरीदारी नहीं किए जाने के आश्वासन का बड़ा दावा भी किया.
Nobel Prize in Economics 2025: अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार 2025 का ऐलान हो गया है. समिति ने आर्थिक विकास पर किए गए शोध और काम को लेकर तीन इकोनॉमिस्ट को ये अवॉर्ड दिया है. इसमें अमेरिका से दो, जबकि ब्रिटेन से एक प्रोफेसर शामिल हैं.
नोबेल प्राइज नहीं मिलने से मायूस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्लादिमीर पुतिन ने तारीफ की है. पुतिन ने कहा कि ट्रंप ने शांति के लिए काम किया है. हालांकि, ये कहना मुश्किल है कि वह नोबेल प्राइज के हकदार हैं या नहीं. लेकिन वह गाजा में शांति स्थापित कर देते हैं तो यह ऐतिहासिक होगा. देखें US टॉप 10.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि विजेता मारिया कोरिना मचाडो ने यह पुरस्कार उनके सम्मान में स्वीकार किया है. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने लाखों जानें बचाई हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सबसे बड़ा सपना टूट गया जब शांति का नोबेल पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया माचाडो को दे दिया गया. ट्रंप को इस साल यह पुरस्कार जीतने की बड़ी उम्मीद थी और इसके लिए व्हाइट हाउस ने जबरदस्त लॉबिंग भी की थी, लेकिन सारे प्रयास विफल रहे.
वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला है. अमेरिकी सांसद मार्को रुबियो ने उनके नाम की सिफारिश की थी. समिति ने उन्हें ‘स्वतंत्रता की रक्षक’ बताया.
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2025 का नोबेल शांति पुरस्कार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नहीं मिला है. ये पुरस्कार वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरीना मचाडो को दिया गया है, जिन्हें नोबेल कमेटी ने 'बढ़ते अंधकार में भी लोकतंत्र की मशाल को जलाए रखने वाली' एक शांति समर्थक बताया. देखें ब्लैक एंड व्हाइट.
ऐसा पहली बार नहीं है जब नामांकन के बाद भी राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार नहीं दिया गया. अब तक कुल तीन बार उनके नाम को इस पुरस्कार के लिए खारिज किया जा चुका है. पहली बार 2018 में, दूसरी बार 2021 और अब तीसरी बार 2025 में राष्ट्रपति ट्रंप को ये पुरस्कार नहीं दिया गया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस साल नोबेल पीस प्राइज पाने से चूक गए हैं. इसे लेकर पुतिन और नेतन्याहू ने निराशा जताई है. पुतिन ने कहा कि ट्रंप शांति के लिए बहुत काम करते हैं. वहीं, नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप ही नोबेल के असली हकदार थे.
नॉर्वे की नोबेल समिति ने 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्ष की नेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता मारिया कोरिना मचाडो को देने का ऐलान किया. मारिया बीते 20 वर्षों से वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव लाने के लिए संघर्ष कर रही हैं.
इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से हाल ही में एक एआई तस्वीर जारी की गई थी, जिसमें ट्रंप को शांति का नोबेल प्राइज पहनाया गया था. इस एआई तस्वीर में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू खुद ट्रंप को नोबेल पीस का मेडल पहनाते दिखे थे.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नोबेल शांति पुरस्कार जीतने का सपना टूट गया है, क्योंकि 2025 का यह प्रतिष्ठित सम्मान वेनेज़ुएला की नेता मारिया कोरीना को प्रदान किया गया है. नोबेल समिति ने कहा, '2025 का नोबेल शांति पुरस्कार शांति की एक बहादुर और प्रतिबद्ध चैंपियन को जाता है. एक ऐसी महिला को जो बढ़ते अंधेरे के बीच लोकतंत्र की लौ जलाए रखती है."
डोनाल्ड ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार 2025 में शामिल नहीं किया गया है. कई देशों ने पहले उनका समर्थन किया था, लेकिन आखिरकार नोबेल पुरस्कार मरिया कोरिना मचाडो को दिया गया है. डोनाल्ड ट्रम्प ने विभिन्न स्थानों पर सीजफायर कराने के दावे किए थे और शांति की मध्यस्था करने का क्रेडिट लिया था.
नोबेल समिति ने कहा कि मारिया को यह पुरस्कार वेनेजुएला में लोकतंत्र के लिए उनके अथक संघर्ष और तानाशाही के खिलाफ लड़ाई के लिए दिया जा रहा है. वह लोकतंत्र की लौ को अंधेरे में जलाए रखने वाली महिला हैं.
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डोनाल्ड ट्रंप को साल 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला है. ट्रंप ने कई बार दावा किया था कि उन्होंने जगह-जगह शांति स्थापित की है और सीजफायर कराए हैं, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच भी शांति प्रयास शामिल थे. हालांकि भारत की तरफ से स्पष्ट जवाब के बाद ट्रम्प का दावा विवादित रहा. कई देशों ने उनके समर्थन में आवाज़ उठाई थी, लेकिन आखिरकार नोबेल समिति ने इस पुरस्कार का अधिकार मरिया कोरिना मचाडो को दिया है.
नोबेल शांति पुरस्कार 2025 मारिया कोरिना मचाडो को देने का फैसला किया गया है. इस पुरस्कार के ऐलान से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम की चर्चा थी, लेकिन नॉर्वे की समिति ने मचाडो को ये पुरस्कार दिया है. आइए जानते हैं इनके पास कितनी संपत्ति है और ये क्या करती हैं...