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लखनऊ में PM आवास योजना के फ्लैट दिलाने के नाम पर ठगी, LDA का कर्मचारी बताकर ऐंठी मोटी रकम, FIR दर्ज

माफिया मुख्तार अंसारी से खाली कराई गई डालीबाग की सरकारी जमीन पर बने फ्लैट्स को लेकर जालसाजों ने लोगों को ठगा. जालसाज मोहम्मद तालिब ने खुद को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) का कर्मचारी बताया, फिर बसंतकुंज योजना के तहत 18 लोगों से करीब ₹26.40 लाख ठग लिए.

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लखनऊ में फ्लैट दिलाने के नाम पर ठगी (Photo: Representational)
लखनऊ में फ्लैट दिलाने के नाम पर ठगी (Photo: Representational)

लखनऊ में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है. माफिया मुख्तार अंसारी से खाली कराई गई डालीबाग की सरकारी जमीन पर बने फ्लैटों को लेकर जालसाजों ने लोगों से मोटी रकम ऐंठ ली. बसंतकुंज योजना में खुद को एलडीए का कर्मचारी बताने वाले जालसाज मोहम्मद तालिब ने 18 लोगों से करीब 26 लाख 40 हजार रुपये हड़प लिए और उन्हें फर्जी आवंटन पत्र और पंजीकरण चालान थमा दिया.

जालसाज ने यह पूरा खेल प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर रचा. सबसे पहले प्रति व्यक्ति 55 हजार रुपये लेकर रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र दिया गया, फिर अगली किस्त के नाम पर प्रति व्यक्ति 1.10 लाख रुपये वसूले गए. 15 पीड़ितों ने तालिब के बताए बैंक खाते में UPI से 9.90 लाख रुपये जमा किए, जिसके बाद उन्हें फर्जी प्रमाणपत्र थमा दिया गया. आगे की किस्त में कुल 16.50 लाख रुपये और जमा कराए गए. लेकिन न मकान मिला, न कब्जा. 

जब पीड़ितों को मकान नहीं मिला तो उन्होंने एलडीए दफ्तर में संपर्क किया. जांच में सामने आया कि मोहम्मद तालिब नाम का कोई भी कर्मचारी एलडीए में है ही नहीं. पीड़ितों द्वारा दिए गए सारे दस्तावेज फर्जी निकले. एलडीए उपाध्यक्ष के आदेश पर मामले की जांच कराई गई और हकीकत सामने आई. इसके बाद गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया.

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डालीबाग फ्लैट में भी जालसाजी

एलडीए की ओर से डालीबाग में बनाए जा रहे 72 ईडब्ल्यूएस भवनों का पंजीकरण अभी खोला भी नहीं गया है. बावजूद इसके जालसाजों ने हजरतगंज में वीआईपी गेस्ट हाउस के पास झुग्गी में रहने वाले राहुल धानुक के नाम से भवन का जाली आवंटन पत्र एवं पंजीकरण चालान फर्जी तैयार कर लिया. अब इस मामले में भी एफआईआर दर्ज की गई है. 

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने लोगों से अपील की है कि किसी बाहरी व्यक्ति पर भरोसा न करें. प्राधिकरण आवास योजना में लॉटरी सिस्टम के जरिए ही भवनों का आवंटन करता है. किसी भी तरह का शॉर्टकट या अलग प्रक्रिया पूरी तरह फर्जी है. 

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