मेघालय हाई कोर्ट
मेघालय हाई कोर्ट (Meghalaya High Court) मेघालय राज्य का उच्च न्यायालय है. इसकी स्थापना 23 मार्च 2013 को भारत के संविधान और 1971 के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों (पुनर्गठन) अधिनियम में संशोधन करने के बाद की गई थी (Meghalaya High Court Establishment). इससे पहले, मेघालय राज्य गुवाहाटी उच्च न्यायालय की एक पीठ के अधिकार क्षेत्र में आता था. हाई कोर्ट की प्रिंसिपल सीट मेघालय की राजधानी शिलांग में है (Meghalaya High Court Principal Seat).
न्यायालय के पास अपीलीय के अलावा मूल क्षेत्राधिकार है. इस न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णयों की अपील केवल भारत के सर्वोच्च न्यायालय में की जा सकती है. मेघालय हाई कोर्ट में 4 स्थायी न्यायाधीशों की क्षमता है (Meghalaya High Court Sanctioned Strength).
मेघालय हाई कोर्ट की पहली मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. मीना कुमारी थीं जिन्होंने इसकी स्थापना के दिन कार्यभार संभाला था (Meghalaya High Court First Chief Justice). इस अदालत के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी हैं जिन्होंने 24 नवंबर 2021 को कार्यभार संभाला (Meghalaya High Court Current Chief Justice).
राजा रघुवंशी मर्डर केस में वो सारे किरदार अब कोर्ट के कटघरे में हैं, जिन्होंने प्यार, भरोसे और हनीमून के बहाने एक खौफनाक साजिश रची थी. मेघालय की ईस्ट खासी हिल्स कोर्ट ने पांच आरोपियों पर हत्या और आपराधिक साजिश के गंभीर आरोप तय किए हैं.इस बहुचर्चित केस का ट्रायल बहुत जल्द शुरू होगा.
4000 टन से ज्यादा कोयला गायब होने पर मेघालय हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई थी. इसके बाद अब राज्य के एक मंत्री ने कहा कि बारिश के कारण कोयला बह गया होगा. इसकी संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं. हालांकि, मंत्री ने स्पष्ट किया कि वह कोयला के गायब होने को सही नहीं ठहराने की कोशिश नहीं कर रहे हैं.