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महाकेलेश्वर मंदिर

महाकेलेश्वर मंदिर

महाकेलेश्वर मंदिर

महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिन्हें शिव का सबसे पवित्र निवास स्थान माना जाता है. यह मध्य प्रदेश के प्राचीन शहर उज्जैन (Ujjain) में स्थित है. यह मंदिर पवित्र शिप्रा नदी के किनारे है.

माना जाता है कि लिंग के रूप में पीठासीन देवता शिव स्वयंभू हैं, जो अन्य छवियों और लिंगों के विपरीत अपने भीतर से शक्ति की धाराएं निकालते हैं, जिन्हें अनुष्ठानपूर्वक स्थापित किया जाता है और मंत्र-शक्ति के साथ पुजा की जाती है.

मध्य प्रदेश में दो ज्योतिर्लिंग हैं, दूसरा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग से लगभग 140 किमी दक्षिण की ओर स्थित है (Mahakaleshwar Jyotirlinga).

मंदिर का इतिहास बहुत प्राचीन है. माना जाता है कि इसकी स्थापना कई हजार वर्ष पूर्व हुई थी. समय-समय पर विभिन्न राजाओं ने इस मंदिर का निर्माण और पुनर्निर्माण कराया. वर्तमान संरचना मराठा शासन के दौरान बनाई गई, जिसे बाद में विस्तार और संरक्षण दिया गया. मंदिर की वास्तुकला में राजस्थानी, मराठी और स्थानीय मालवा शैली का सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है. विशाल प्रांगण, गगनचुंबी शिखर और शिल्पकारी इसकी भव्यता को और बढ़ाते हैं.

महाकालेश्वर मंदिर की सबसे अनोखी परंपरा है भस्म आरती, जो प्रतिदिन तड़के 4 बजे होती है. इस आरती में भगवान महाकाल का श्रृंगार श्मशान से लाए गए भस्म (राख) से किया जाता है, जो जीवन और मृत्यु के गहरे दर्शन को दर्शाता है. इस आरती को देखने के लिए भक्त देश-विदेश से यहां पहुंचते हैं.

सावन और महाशिवरात्रि के दौरान मंदिर में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़ते हैं. उज्जैन कुंभ के समय यहां आध्यात्मिकता का अद्भुत वातावरण देखने को मिलता है. मंदिर के आसपास की गलियां, घाट और शिवभक्ति से ओत-प्रोत शहर का वातावरण हर आगंतुक पर गहरा प्रभाव छोड़ता है.

महाकालेश्वर मंदिर न केवल आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का भी महत्वपूर्ण प्रतीक है. यहां आकर भक्तों को लौकिक और अलौकिक दोनों का अनोखा अनुभव प्राप्त होता है.

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