जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट
जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (Jammu Kashmir Liberation Front) एक उग्रवादी अलगाववादी संगठन है जो जम्मू और कश्मीर के साथ पाकिस्तानी कब्जे वाले क्षेत्र में सक्रिय है. इसकी स्थापना अमानुल्लाह खान ने की थी और मकबूल भट को इसका सह-संस्थापक माना जाता है (JKLF Founder and Co-Founder). यह मूल रूप से आजाद कश्मीर जनमत मोर्चा की एक उग्रवादी शाखा थी, जिसने 29 मई 1977 को इंग्लैंड के बर्मिंघम में आधिकारिक तौर पर अपना नाम बदलकर जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट कर दिया ( Azad Kashmir Plebiscite Front Changed its Name to Jammu Kashmir Liberation Front).
यह 1994 तक यह एक सक्रिय कश्मीरी उग्रवादी संगठन था (Active Kashmiri Militant Organization until 1994). शुरुआत में, जेकेएलएफ ने यूनाइटेड किंगडम के कई शहरों और यूरोप के अन्य देशों के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका और मध्य पूर्व में शाखाएं स्थापित कीं. 1982 में, इसने आजाद जम्मू और कश्मीर के पाकिस्तानी कब्जे वाले क्षेत्र में एक शाखा की स्थापना की (JKLF Branches). 1987 में, इसने भारतीय प्रशासित कश्मीर घाटी में एक शाखा की स्थापना की (JKLF Branch in Kashmir). 1990 में, यासीन मलिक के नेतृत्व में जेकेएलएफ ने श्रीनगर में भारतीय वायु सेना के जवानों पर हमला किया, जिसमें चार जवानों की मौत हो गई थी (JKLF Kashmir Insurgency).
1994 के बाद, कश्मीरी अलगाववादी यासीन मलिक के नेतृत्व में भारतीय प्रशासित कश्मीर में JKLF विंग ने "अनिश्चितकालीन युद्धविराम" की घोषणा की और कथित तौर पर अपने उग्रवादी विंग को भंग कर दिया. इसके बाद, इस संगठन ने जम्मू और कश्मीर की स्वतंत्रता के अपने उद्देश्य को हासिल करने के लिए एक राजनीतिक संघर्ष का आगाज किया (JKLF Transition to Peaceful Struggle). हालांकि, पाकिस्तानी कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में JKLF शाखा इस बदली हुई से सहमत नहीं थी और बाद में कश्मीर घाटी में JKLF विंग से अलग हो गई. 2005 में, संगठन की मूल पहचान को बनाए रखते हुए, दो समूहों का फिर से विलय हो गया (JKLF Split and Reunification).
हालांकि जेकेएलएफ में केवल मुस्लिम सदस्य हैं, लेकिन यह सैद्धांतिक रूप से धर्मनिरपेक्ष है. यह एक धर्मनिरपेक्ष, स्वतंत्र कश्मीर को अपना अंतिम लक्ष्य बताता है. जैश-ए-मोहम्मद द्वारा पुलवामा हमले के एक महीने बाद मार्च 2019 में पारित एक आतंकवाद विरोधी कानून के तहत कश्मीर घाटी में JKLF को आधिकारिक तौर पर भारत सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था (Ban on JKLF)
पेशे से नर्स सरला भट्ट ने जिस समाज की सेवा करने का बीड़ा थामा था वो कभी कश्मीरियत की रवायत के लिए जाना जाता था. लेकिन वो दौर आतंकवाद का था. पाकिस्तान की सरपरस्ती में जिहादी सरेआम हत्या और रेप को अंजाम दे रहे थे. ये दरिंदे एक दिन उस कॉलेज के छात्रावास पहुंचे जहां सरला भट्ट रहती थीं.
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18 अप्रैल को इंडियन क्रिकेटर केएल राहुल अपना 32वां जन्मदिन मना रहे हैं. फैंस और सेलेब्स ने क्रिकेटर को सोशल मीडिया पर बधाई दी है.