जलेबी (Jalebi) एक मीठा और कुरकुरा भारतीय मिठाई है, जो खासतौर पर त्योहारों, शादियों और खास मौकों पर बनाई जाती है. मैदा के आटे के घोल को गोलाकार आकार में डीप-फ्राई करके बनाई जाती है, जिसे फिर चीनी की चाशनी में भिगोया जाता है. जलेबी को दही या रबड़ी के साथ भी खाया जाता है. खोया या मावा से बनी जलेबी का आविष्कार हरप्रसाद बड़कुल ने वर्ष 1889 में जबलपुर में किया था.
इस मिठाई का सबसे पहला ज्ञात नुस्खा 10वीं शताब्दी में इब्न सय्यर अल-वर्राक द्वारा अरबी कुकबुक किताब अल-तबीख (द बुक ऑफ डिशेज) में मिलता है. 13वीं शताब्दी में फारस में, मुहम्मद बिन हसन अल-बगदादी की एक कुकबुक में इसी तरह के व्यंजन का उल्लेख किया गया था.
क्या जलेबी भारत की नहीं है? इतिहासकार बताते हैं इसकी जड़ें पश्चिमी एशिया से जुड़ी हैं, जानिए इसका असली नाम और कहां से आई भारत.
जलेबी के दीवाने पूरे भारत में फैले हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की सबसे मशहूर मिठाइयों में शामिल जलेबी असल में भारतीय नहीं है? चलिए जानते हैं जलेबी कहां से आई. इसे किस-किस नाम से जाना जाता है.
भारतीय स्ट्रीट फूड जैसे समोसा, जलेबी, पकौड़ी और वड़ा पाव आदि का बारिश में काफी सेवन किया जाता है. वहीं कुछ लोगों को पिज्जा और बर्गर खाना पसंद होता है. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि इनमें से किसमें कितनी कैलोरी, फैट और चीनी होती है.
समोसा-जलेबी और पिज्जा-बर्गर में कौन है ज्यादा भारी? जानिए हर आइटम में कितनी कैलोरी, फैट और शुगर होती है और कितनी वॉक करनी पड़ती है.