इंदिरा एकादशी
प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशी होती हैं. जिस साल मलमास आता है तब एकादशी की संख्या बढ़कर 26 हो जाती है. हिंदु व्रतों में नवरात्रि, पूर्णिमा, अमावस्या और एकादशी प्रमुख व्रत होता है. इसमें भी सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण व्रत एकादशी का माना जाता है. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादश तिथि को पड़ने वाला एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जा जाता है. इंदिरा एकादशी पितृपक्ष (Pitru Paksha) के दौरान आता है, इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से पितरों की आत्मा को मोक्ष मिलता है (Indira Ekadashi).
Indira Ekadashi Upay: 17 सितंबर, यानी आज इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इंदिरा एकादशी की रात कुछ खास उपाय करने से घर में खुशहाली और लक्ष्मी का वास होता है.
Indira Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का खास महत्व है. इस दिन व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. माना जाता है कि इंदिरा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. इंदिरा एकादशी का व्रत 17 सितंबर यानी आज रखा जा रहा है. पितृपक्ष में पड़ने की वजह से इसकी महिमा और अधिक बढ़ जाती है.
Indira Ekadashi 2025: इंदिरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता तुलसी की पूजा करने से जीवन के पाप मिटते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है. यदि इस दिन तुलसी से जुड़े कुछ खास उपाय किए जाएं तो जीवन में सुख-समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य और धन की वृद्धि होती है.
Indira Ekadashi 2025: इंदिरा एकादशी और एकादशी श्राद्ध का संयोग 17 सितंबर को बनने जा रहा है. इस दिन श्रीहरि की पूजा में शालिग्राम रूप में भगवान विष्णु की पूजा और पंचामृत, तुलसी अर्पित करना शुभ माना जाता है.
इस साल इंदिरा एकादशी का व्रत 17 सितंबर को रखा जाएगा. पितृ पक्ष के दौरान पड़ने के कारण इस एकादशी का विशेष महत्व है. माना जाता है कि इस दिन कुछ स्थानों पर दीपक जलाना शुभ होता है.
Indira Ekadashi 2025: इस साल इंदिरा एकादशी का व्रत 17 सितंबर को रखा जाएगा. चूंकि यह एकादशी पितृपक्ष में पड़ती है इसीलिए इसे श्राद्ध एकादशी भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत व पूजन करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
Indira Ekadashi 2025: इस साल इंदिरा एकादशी 17 सितंबर, बुधवार को मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से जातक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
17 सितंबर को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. इसलिए एकादशी पर तुलसी से जुड़ी कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए.
Indira Ekadashi 2024: एकादशी के दिन भगवान विष्णु या उनके अवतारों की पूजा की जाती है. इंसान के जीवन में पाप को नष्ट करने और पितरों की शांति के लिए आश्विन मास में की जाने वाली इंदिरा एकादशी सबसे सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है.
Indira Ekadashi 2024: धार्मिक मान्यता के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है. पद्य पुराण के अनुसार, इंदिरा एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को मृत्यु के बाद बैकुंठ धाम में निवास मिलता है. इसके साथ ही साथ उनके पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है.
Indira Ekadashi 2023: अश्विन मास में एकादशी उपवास का विशेष महत्व है. पाप नाश और पितरों की शांति के लिए अश्विन मास की इंदिरा एकादशी का विशेष महत्व है. इससे अपने पापों का नाश तो होता ही है, पूर्वजों को भी मुक्ति मिलती है. इस साल इंदिरा एकादशी का व्रत 10 अक्टूबर यानी आज रखा जा रहा है.
Indira Ekadashi 2023: आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार इंदिरा एकादशी का व्रत 10 अक्टूबर को रखा जाएगा. यह एकादशी पितृ पक्ष में आती है इसलिए इसका महत्व ओर ज्यादा बढ़ जाता है.