हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट (Himachal Pradesh High Court) के अधिकार क्षेत्र में पूरा हिमाचल प्रदेश राज्य आता है (Himachal Pradesh High Court Jurisdiction). यह अदालत राज्य की प्रशासनिक राजधानी शिमला में स्थित है (Himachal Pradesh High Court Principal Bench). न्यायालय के पास अपीलीय के अलावा मूल क्षेत्राधिकार है. इस न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णयों की अपील केवल भारत के सर्वोच्च न्यायालय में की जा सकती है. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सहित 134 न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या है (Himachal Pradesh High Court Sanctioned Strength).
हिमाचल प्रदेश राज्य का जन्म 15 अप्रैल 1948 को 26 प्रांतों और पंजाब के चार पहाड़ी राज्यों के एक केंद्र शासित क्षेत्र में एकीकरण के परिणामस्वरूप हुआ था. केंद्र सरकार ने 15 अगस्त 1948 को हिमाचल प्रदेश (न्यायालय) आदेश, 1948 के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश के लिए न्यायिक आयुक्त का न्यायालय शिमला में स्थापित किया गया था. इस न्यायिक आयुक्त के पास न्यायालय अधिनियम, 1950 के तहत एक ही कोर्ट की तमाम शक्तियां थीं. न्यायिक आयुक्त के न्यायालय ने 15 अगस्त 1948 को कार्य करना शुरू किया. 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश राज्य अस्तित्व में आया और उसी दिन शिमला राज्य की राजधानी बनी और यहीं पर इसके अपने हाई कोर्ट की स्थापना हुई (Himachal Pradesh High Court Establishment). इस अदालत को एक मुख्य न्यायाधीश और दो न्यायाधीशों के साथ शुरू किया गया था. एम.एच. बेग इसके पहले मुख्य न्यायाधीश थे (Himachal Pradesh High Court First Chief Justice).
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण मामले में मस्जिद के ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है, जबकि दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल को ध्वस्त करने का आदेश दिया है. शिमला नगर निगम को मस्जिद संरचना की वैधता पर स्पष्टीकरण देने के लिए नोटिस जारी किया गया है.
हिमाचल प्रदेश में एक ऐसी वारदात सामने आई जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया. घरेलू कलह इतनी बढ़ी कि एक पति ने पहले अपनी बीमार पत्नी पर एसिड फेंका और फिर उसे छत से धक्का देकर मौत के हवाले कर दिया. पुलिस ने हत्या का केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है.
बिलासपुर में एक 10 साल की बच्ची ने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर फोन कर जो कहा, उसने पूरे प्रशासन को हिला दिया. अपनी ही मां-बाप पर शारीरिक और मानसिक शोषण का आरोप लगाते हुए बच्ची ने साफ कहा कि वो अब उनके साथ नहीं रहना चाहती है.
केंद्र सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में 24 नए जजों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. 10 वकीलों और 14 न्यायिक अधिकारियों को जज बनाया गया है. कर्नाटक हाई कोर्ट में तीन और हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में दो नए जज नियुक्त हुए हैं.
हिमाचल प्रदेश में एक महिला की शिकायत ने प्रशासनिक महकमे को हिला दिया है. पीड़िता का आरोप है कि एक बड़े प्रशासनिक अधिकारी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाया. इतना ही नहीं वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल भी किया. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को यह नसीहत दी. जस्टिस नाथ ने कहा कि आप लोग वहां जाकर तलवार चलाइए भगवान के नाम पर और कुछ तो करना नहीं है. बस लड़ाई करनी है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.
एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल विजेता खिलाड़ी पूजा ठाकुर को राज्य में प्रथम श्रेणी अधिकारी पद पर खेल कोटे के तहत नियुक्ति देने से इनकार करने पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी निराशा जताई है. कोर्ट ने कहा कि आपके सीएम को व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए था और क्या खेल और खिलाड़ियों के मामले में राज्य का ऐसा ही रवैया है.
माननीय हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में फैसले के लिए जो आवेदन वर्तमान सरकार ने इस याचिका में बढ़ाने की योग्यता, मेंटेनेबिलिटी के ऊपर आगे बढ़ाया था. इसमें हमारे पक्ष में फैसला आया है. अदालत ने सरकार के आवेदन को खारिज कर दिया गया है