scorecardresearch
 
Advertisement

हरियाली अमवास्या

हरियाली अमवास्या

हरियाली अमवास्या

हरियाली अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की अमावस्या को मनाई जाती है. यह दिन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि प्रकृति प्रेम और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है. यह पर्व खासतौर पर उत्तर भारत, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. 

इस साल यह 24 जुलाई 2025 को मानाया जाएगा. हिंदुओं के लिए सावन का महीना बहुत ही पवित्र माना गया है. यूं तो हर महीने अमावस्या पड़ता है. लेकिन सावन में पड़ने वाला अमावस्या बहुत ही खास होता है.

हरियाली अमावस्या का सीधा संबंध प्रकृति की हरियाली, वर्षा ऋतु और भगवान शिव की पूजा से जुड़ा है. मान्यता है कि इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करने से सुख-शांति, समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति होती है. यह दिन खेती-किसानी से जुड़े लोगों के लिए भी विशेष होता है क्योंकि यह आने वाले समय में अच्छे कृषि परिणामों की कामना के साथ आता है.

 हरियाली अमवस्या के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने से भक्तों की सरी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन विभिन्न मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पौधे भी लगाए जाते हैं. साथ ही, दान, ध्यान और स्नान का विशेष महत्व है. माना जाता है कि इस तिथि को पौधों के माध्यम से संपन्नता, समृद्धि की प्राप्ती होती है (Hariyali Amavasya Rituals).

हरियाली अमावस्या के दिन पितरों के नाम पर दान और धर्म का कार्य करने से पितरों का आशीर्वाद बना रहता है. इस दिन भगवान विष्णु और शंकर की पूजा जरूर करना चाहिए (Hariyali Amavasya Puja). 

 

और पढ़ें

हरियाली अमवास्या न्यूज़

Advertisement
Advertisement