धेमाजी (Dhemaji), असम राज्य के उत्तर–पूर्वी भाग में स्थित एक महत्वपूर्ण जिला है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, जनजातीय संस्कृति और भौगोलिक विशेषताओं के लिए जाना जाता है. यह जिला ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर में बसा हुआ है और इसके उत्तर में अरुणाचल प्रदेश की सीमा लगती है. धेमाजी जिला 1987 में लखीमपुर जिले से अलग होकर अस्तित्व में आया.
धेमाजी की पहचान यहां बहने वाली कई नदियों से है, जिनमें सुबनसिरी, जिया-भराली, डिबांग और ब्रह्मपुत्र प्रमुख हैं. ये नदियां जहां एक ओर भूमि को उपजाऊ बनाती हैं, वहीं हर साल आने वाली बाढ़ यहां की सबसे बड़ी समस्या भी है. बाढ़ के बावजूद धेमाजी की मिट्टी कृषि के लिए बेहद अनुकूल मानी जाती है. यहां धान, सरसों, दालें और सब्जियों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.
यह जिला मिसिंग, देउरी, सोनवाल कछारी और बोडो जैसी जनजातियों का प्रमुख निवास क्षेत्र है. यहां की संस्कृति लोकनृत्य, लोकगीत और पारंपरिक त्योहारों से समृद्ध है. अली-आये-लिगांग, बिहू और माघ बिहू जैसे पर्व यहां पूरे उत्साह से मनाए जाते हैं, जो स्थानीय जीवनशैली को दर्शाते हैं.
धेमाजी शिक्षा और सामाजिक विकास के क्षेत्र में भी धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. यहां कई सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थान हैं, जो आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करते हैं. जिला मुख्यालय धेमाजी शहर प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र है.
पर्यटन की दृष्टि से धेमाजी का महत्व बढ़ता जा रहा है. जोनाई, गोगामुख और अरुणाचल सीमा से सटे प्राकृतिक स्थल प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करते हैं. शांत वातावरण, हरियाली और जनजातीय जीवनशैली धेमाजी को असम के विशिष्ट जिलों में स्थान दिलाती है.
कुल मिलाकर, धेमाजी जिला चुनौतियों के बावजूद अपनी सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संसाधनों और सरल जीवनशैली के कारण असम का एक महत्वपूर्ण और संभावनाओं से भरा क्षेत्र है.
यह वारदात 21 अगस्त, 2021 की है. जब नंदिता सैकिया नामक एक महिला अपने एक दोस्त और उसके पिता के साथ मोरिधोल कॉलेज से घर लौट रही थी, तभी उसी कॉलेज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रिंटू सरमा ने तीनों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था.