डिप्रेशन (Depression) एक आम मानसिक विकार है. इसमें लंबे समय तक उदास मनोदशा या गतिविधियों में रुचि की कमी शामिल है. डिप्रेशन नियमित मूड परिवर्तनों और रोजमर्रा की जिंदगी के बारे में भावनाओं से अलग है. यह जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित कर सकता है, जिसमें परिवार, दोस्तों और सोसायटी के साथ संबंध शामिल हैं. इसका संबंध कार्यस्थल पर समस्याओं के कारण हो सकता है या समस्या उत्पन्न कर सकता है.
डिप्रेशन किसी को भी हो सकता है. जो लोग दुर्व्यवहार, गंभीर नुकसान या अन्य तनावपूर्ण घटनाओं से गुजरे हैं, उनमें डिप्रेशन विकसित होने की संभावना अधिक होती है. महिलाओं में पुरुषों की तुलना में डिप्रेशन होने की संभावना अधिक होती है.
WHO वेबसाइट की मानें तो अनुमानित 3.8% आबादी डिप्रेशन का अनुभव करती है, जिसमें 5% वयस्क (पुरुषों में 4% और महिलाओं में 6%) और 60 वर्ष से अधिक उम्र के 5.7% वयस्क शामिल हैं. दुनिया भर में लगभग 280 मिलियन लोग डिप्रेशन से पीड़ित हैं. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में डिप्रेशन लगभग 50% अधिक आम है. दुनिया भर में, 10% से अधिक गर्भवती महिलाएं या नई बनी मां डिप्रेशन का अनुभव करती हैं.
हर साल 700 000 से अधिक लोग आत्महत्या के कारण मरते हैं. डिप्रेशन 15-29 वर्ष के युवाओं में आत्महत्या मृत्यु का चौथा प्रमुख कारण है.
आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर डिप्रेशन (अवसाद) और एंग्जायटी (घबराहट) जैसी गंभीर मानसिक समस्याओं पर दुनिया भर में चर्चा हो रही है। इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं. जैसा कि बुलेटिन में बताया गया, 'आज हम हालचाल वाली बातचीत में कहे जाने वाले एक बड़े झूठ, आई ऍम फाइन का विश्लेषण करने वाले हैं.' यह एक ऐसा वाक्य है जिसके पीछे अक्सर लोग अपनी मानसिक पीड़ा छिपाते हैं.
लगभग पांच हजार रुपये में रॉनी आपके साथ तीन घंटे बिताएगा. आप फिल्म देखना चाहें, पार्टी करें, रोना चाहें, या साथ लेटकर बातें करना चाहें, वो पूरी तरह आपका है. रॉनी कडल थैरेपिस्ट है, यानी गले लगाकर इलाज करने वाला प्रोफेशनल. लेकिन सब कुछ उतना प्रोफेशनल भी नहीं. रॉनी खुद भी कहता है- कई बार 'हैप्पी एंडिंग' भी हो जाती है.
Depression और Anxiety की ज्यादा शिकार हो रहीं महिलाएं, ये बात World Health Organization ने अपनी एक रिपोर्ट में कही है.
अक्सर माता-पिता में से किसी एक की भी खराब मेंटल हेल्थ का सीधा शिकार बच्चे हो जाते हैं. बच्चों पर न सिर्फ अप्रत्यक्ष रूप से इसका असर पड़ता है, बल्कि कई बार माता या पिता बीमारी से विवश होकर बच्चों पर अपनी समस्या किसी न किसी तरह से थोप देते हैं. आइए जानते हैं कि खराब मेंटल हेल्थ वाले पार्टनर या परिवार के सदस्य से बच्चे को कैसे सेफ रखा जाए.
गंभीर डिप्रेशन से जूझ रहे टॉम ने मस्तिष्क में लगाए गए पेसमेकर से 30 साल बाद खुशी महसूस की. यह उपकरण मस्तिष्क के हिस्सों को चुनिंदा रूप से सक्रिय करता है. 20 उपचारों के असफल होने के बाद, यह तकनीक टॉम को बेहतर हालत में ले आई. यह डिप्रेशन के इलाज में क्रांतिकारी कदम है, जो भविष्य में और लोगों की मदद कर सकता है.
नवी मुंबई के सजुईनगर में डिप्रेशन से पीड़िक 55 साल के एक व्यक्ति ने तीन साल से खुद को फ्लैट में बंद किया हुआ था. सामाजिक संस्था की मदद से उन्हें बाहर निकालकर इलाज शुरू किया गया. कभी कंप्यूटर प्रोग्रामर रहा शख्स पारिवारिक सदमे और अकेलेपन से जूझ रहा था. फिलहाल उनका इलाज चल रहा है और सुधार की संभावना जताई गई है.
NGO ने फ्लैट पर पहुंच कर देखा कि इंजीनियर के फ्लैट में काफी गंदगी थी. नायर केवल लिविंग रूम में एक कुर्सी पर सोता था. उसका फर्नीचर गायब लग रहा था. जब उसे पाया गया, तो उसके पैर में इंफेक्शन था जिसे तत्काल इलाज की जरूरत थी. उनके पड़ोसी ने बताया कि नायर को शायद ही कभी अपने फ्लैट का दरवाज़ा खोलते देखा गया हो और वह कचरा भी बाहर नहीं निकालता था.
1929-1939 की "महामंदी (Great Depression)" डिप्रेशन का चरम बिंदू था. जो अमेरिका और यूरोप से शुरू हुआ और पूरी दुनिया को प्रभावित किया. इस दौरान अमेरिका की GDP में 30% की गिरावट आई और बेरोजगारी दर 25% तक पहुंच गई थी. अब इस बार Trumpsession की चर्चा हो रही है.
स्माइलिंग डिप्रेशन एक मेंटल हेल्थ प्रोब्लम है. इस मानसिक समस्या से जूझने वाला व्यक्ति अपने डिप्रेशन के लक्षणों को हंसी में छिपाने की कोशिश करता है. आइए जानते हैं स्माइलिंग डिप्रेशन के लक्षण और बचाव के तरीके.
यूपी के सहारनपुर में डिप्रेशन में होने की वजह से एक युवक ने खुद का ही गला रेत कर खुदकुशी कर ली. पुलिस ने बताया कि युवक को घायल देखकर परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृतक रिजवान की शादी 12 साल पहले हुई थी और जिस वक्त उसने ये जानलेवा कदम उठाया उस समय उसकी पत्नी मायके में थी.