दिल्ली नगर निगम (MCD) को तीन अलग अलग जोन, उत्तरी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली में विभाजित किया गया है. इन तीनों जोन को मिलाकर हर पांच साल पर एमसीडी के चुनाव होते हैं (MCD Election). इस चुनाव में उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 104-104 पार्षद और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के 64 पार्षदों के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी की जाती है. एमसीडी का अगला चुनाव अप्रैल 2022 में होना है (Delhi MCD Election 2022).
2017 दिल्ली नगर निगम चुनाव में, उत्तर, दक्षिण और पूर्वी जोन के कुल 272 सीटों को लिए वोट डाले गए (Total Electoral Seats in MCD), जिसमें 181 सीटों के साथ भारतीय जनाता पार्टी (BJP) ने जबरदस्त जीत हासिल की. भाजपा ने तीनों निगमों में सबसे अधिक सीटें जीतीं (BJP Won 2017 MCD Election). उत्तरी दिल्ली के 104 सीटों पर भाजपा को 64 सीटें मिली वहीं कांग्रेस पार्टी मात्र 16 सीटों पर सिमट गई. दक्षिणी दिल्ली के 104 सीटों में भाजपा ने 26 सीटों के बढ़त के साथ 70 सीट मिले वहीं कांग्रेस पार्टी के हाथ केवल 12 सीटें आईं, उसे 17 सीटों का नुकसान हुआ. पूर्वी दिल्ली में भी भाजपा 47 सिटों के साथ 2012 के एमसीडी चुनाव में नंबर 1 रही. कांग्रेस पार्टी को कुल 64 सीटों में से सिर्फ तीन पर जीत मिली (MCD Election 2017 Result). करीब 12 साल तक एमसीडी को शासित करने के बाद, बीजेपी की यह लगातार चौथी जीत थी.
एमसीडी 7 अप्रैल 1958 को संसद के एक अधिनियम के तहत अस्तित्व में आया (Formation of MCD). इससे पहले, यह डीएमसी के नाम से जाना जाता था. गुरु राधा किशन (Guru Radha Kishan) ने एमसीडी के पार्षद के रूप में लगातार सबसे लंबे समय तक सेवा की (Longest Serving Councillor of MCD). दिल्ली के पहले निर्वाचित मेयर त्रिलोक चंद शर्मा (Trilok Chand Sharma) थे (First Mayor of Delhi).
MCD उपचुनाव में तीन वार्डों में जीत दर्ज करना आम आदमी पार्टी के लिए राहत की बात है, और ये तीनों जीत बीजेपी के हिस्से से हासिल कर लेना खुश होने की बड़ी वजह है. और, मुद्दे की बात ये है कि दिल्ली के कमांडर सौरभ भारद्वाज ने अरविंद केजरीवाल को निराश ही किया है.
दिल्ली एमसीडी उपचुनाव में बीजेपी को दो सीटों का झटका लगा है जबकि एक सीट का कांग्रेस को फायदा मिला. इस उपचुनाव में सभी की निगाहें मुस्लिम बहुल सीट चांदनी महल पर लगी थीं, जहां पर आम आदमी पार्टी की तमाम कोशिश शोएब इकबाल के सामने बेकार रही. शोएब ने फिर साबित कर दिया है कि पुरानी दिल्ली में उनकी ही बादशाहत है?
दिल्ली चुनाव में हार के बाद MCD में भी आम आदमी पार्टी की सत्ता पर खतरा मंडराने लगा है. दिल्ली में सरकार बनाने के बाद बीजेपी की नजर अब एमसीडी पर जा टिकी है.
दिल्ली की सत्ता के तीन पावर सेंटर्स हैं. ये सेंटर हैं दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और MCD. दिल्ली नगर निगम राजधानी की सत्ता का आखिरी पायदान है. MCD के पार्षद भी जनता द्वारा चुने जाते हैं इसलिए इस चुनाव का भी काफी महत्व है.
एमसीडी एक्ट के अनुसार महापौर पद पर पहला साल महिला पार्षद के लिए आरक्षित है, दूसरा जनरल और तीसरा साल अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित होता है. नए मेयर के चुनाव की तारीख और समय निवर्तमान महापौर निर्धारित करती/करते हैं, तो वहीं चुनाव करवाने के लिए पीठासीन अधिकारी दिल्ली के एलजी तय करेंगे.
अरविंद केजरीवाल को जो भी हासिल हुआ है, कोई मामूली उपलब्धि नहीं है. अपने राजनीतिक सफर के ऐसे मोड़ पर वो पहुंच चुके हैं, जो चक्रव्यूह जैसा है - कानूनी पचड़ों में बुरी तरह फंसे केजरीवाल की आखिरी उम्मीद सिर-आंखों पर बिठाने वाली जनता ही है, लेकिन तभी तक जब तक लोग भी उनकी राजनीति से नाउम्मीद नहीं हो जाते.
भारतीय जनता पार्टी ने सरदार राजा इकबाल सिंह को MCD में नेता प्रतिपक्ष बनाया है. वहीं जय भगवान यादव को पार्षद दल का उपनेता बनाया गया है. राजा इकबाल सिंह मुखर्जी नगर वहीं जयभगवान बेगमपुर से पार्षद हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला बीजेपी पार्षद शिखा रॉय और कमलजीत सहरावत की याचिकाओं पर आया है, जिन्होंने एमसीडी की स्थाई समिति के छङ सदस्यों के दोबारा चुनाव कराने के मेयर के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था.
नियम के मुताबिक, चुनाव प्रक्रिया को 30 अप्रैल से पहले तक पूरा करना जरूरी होता है. इससे पहले वर्ष 2022 में 4 दिसंबर को एमसीडी के चुनाव हुए थे और परिणाम 7 दिसंबर को घोषित किए गए थे. आम आदमी पार्टी ने 250 में से 134 सीटें जीती थीं.
दिल्ली नगर निगम (MCD) में उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त किए एल्डरमैन (मनोनीत पार्षद) को लेकर दिल्ली सरकार और एलजी एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं. केजरीवाल सरकार ने एल्डरमैन की नियुक्ति को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है. दरअसल दिल्ली में पहली बार LG ने MCD में एल्डरमैन अपनी मर्जी से नियुक्त किए हैं. इससे पहले अब तक दिल्ली सरकार एल्डरमैन का चयन करती थी.
एमसीडी सदन में शुक्रवार रात को जमकर बवाल हुआ. AAP और बीजेपी के पार्षद हिंसक हो गए. उन्होंने एक-दूसरे पर जमकर लात घूंसे चलाए. एक दिन बाद अब दोनों पार्टियों में पोस्टर वॉर शुरू हो गया है. बीजेपी ने शनिवार सुबह AAP के खिलाफ पोस्टर जारी किया तो दोपहर होते-होते AAP ने भी पोस्टर जारी कर दिया.
एमसीडी में मारपीट के अभी कई और एपिसोड बाकी है. आज बीजेपी ने एक पोस्टर जारी कर दिया है. जिसमें आप विधायक, दुर्गेश पाठक, आतिशी, शैली ओबेरॉय को दिखयाा गया है. बीजेपी ने इन्हे दिल्ली खळनायक बता दिया है. मारपीट, जूुता, चप्पल, पानी की बोतल, सेब वगैरा से लड़ाई करने के बाद अब पोस्टर वार शुरू हो गया है. देखें ये वीडियो.
दिल्ली के नगर निगम की में वो सबकुछ हुआ, जिसके बाद नेताओं पर जनता के भरोसे का सेसेंक्स गोते लगाकर नीचे जाएगा. क्योंकि स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव की काउंटिंग के दौरान लात, घूंसे चले. एक दूसरे के बाल तक नोंचे गए. सोमवार को अब फिर कार्रवाई होगी. लेकिन पता नहीं लड़ाई रुकेगी या नहीं? देखें ये वीडियो.
दिल्ली MCD फिर मारपीट का अखाड़ा बन गया है. स्टेंडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर वोटिंग हुई थी, लेकिन बवाल ऐसा खड़ा हुआ कि एक बार फिर आप और बीजेपी पार्षदों के बीच मारपीट शुरू हो गई.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने देशभर में अपनी पार्टी का विस्तार करने की योजना बना ली है. दिल्ली, पंजाब, गुजरात के बाद वह चार और राज्यों में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इन राज्यों में अपनी जमीन तैयार करने के लिए केजरीवाल 4 मार्च से दौरा शुरू करेंगे, जिसकी शुरुआत वह कर्नाटक से करेंगे.
एमसीडी में स्टैंडिग कमेटी के सदस्यों के चुनाव के लिए आज फिर हंगामा शुरू हो गाया है. परसों और कल वोटिंग नहीं हो पाई थी. लगातार हंगामा हुआ था. 13 बार सदन की कार्रवाई स्थगित हुई थी. आज एक बार फिर हंगामा हो रहा है. इस बीच एक आप पार्षद पवन सहरावत ने आज बीजेपी ज्वाइन कर ली. देखें ये वीडियो.
दिल्ली नगर निगम का चुनाव आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय जीत गई हैं. अब कई अड़चनों के बाद मेयर चुनाव का रास्ता तो साफ हो गया, लेकिन इसके बाद जो स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव होना है, वो फंस गया है. इस चुनाव के दौरान सदन में पार्षदों के बीच हाथापाई देखने को मिली. देखें ये वीडियो.
दिल्ली नगर निगम के लिए बुधवार को मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव हुआ. दोनों ही पदों पर AAP उम्मीदवारों ने जीत दर्ज कराई. मेयर के लिए शैली ओबेरॉय और डिप्टी मेयर के लिए आले मोहम्मद इकबाल को चुना गया लेकिन स्टैंडिंग कमेटी चुनाव में हंगामा हो गया था. पार्षदों के बीच जमकर हाथापाई हुई थी. इस विवाद के पीछे एमसीडी एक्ट की चर्चा तेज हो गई है. जानिए क्या है पूरा मामला.
AAP पार्षद ने BJP काउंसलर को जड़ दिया थप्पड़, MCD स्टैंडिंग कमेटी चुनाव में बवाल, Video.
दिल्ली नगर निगम चुनाव को तीन महीने हो रहे हैं, लेकिन अभी तक बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच टकराव खत्म नहीं हो पाया है. आम आदमी पार्टी ने भले ही मेयर बना लिया हो, लेकिन स्टैंडिंग कमेटी के लिए घमासान छिड़ गया है. इसके पीछे एक बड़ी वजह एमसीडी की सबसे पावरफुल माने जाने वाली स्थाई समीति पर कब्जे की है.
दिल्ली में MCD सियासी दंगल की जगह बनती दिख रही है. यहां एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव चल रहे हैं, लेकिन इन चुनावों में मारपीट से लेकर झूमाझटकी तक सबकुछ हो गया है. हालात कुछ ऐसे हैं कि ये लड़ाई अब सड़क तक आ गई है. देखें ये वीडियो.