चेतन शर्मा (Chetan Sharma) भारतीय क्रिकेट के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से टीम को कई अहम मौके पर जीत दिलाई. उनका जन्म 3 जनवरी 1966 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुआ था. चेतन शर्मा एक दाएं हाथ के तेज गेंदबाज और उपयोगी निचले क्रम के बल्लेबाज के रूप में जाने जाते थे.
चेतन शर्मा ने भारतीय क्रिकेट इतिहास में अपना नाम खासतौर पर पहली वनडे हैट्रिक के लिए दर्ज कराया. 1987 के क्रिकेट विश्व कप में उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की थी. यह न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व क्रिकेट के लिए एक यादगार पल था. उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें रातों-रात क्रिकेट प्रशंसकों के बीच लोकप्रिय बना दिया.
उन्होंने भारत के लिए 23 टेस्ट मैच और 65 वनडे मुकाबले खेले। टेस्ट क्रिकेट में चेतन शर्मा ने 61 विकेट लिए, जबकि वनडे में उनके नाम 67 विकेट दर्ज हैं. गेंदबाजी के साथ-साथ उन्होंने कई बार उपयोगी पारियां खेलकर टीम को संकट से उबारा. 1986 की इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने लॉर्ड्स में 5 विकेट लेकर सबको प्रभावित किया था.
हालांकि चेतन शर्मा के करियर में उतार-चढ़ाव भी आए. 1987 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ जावेद मियांदाद का आखिरी गेंद पर लगाया गया छक्का आज भी क्रिकेट इतिहास का चर्चित क्षण है, जिसमें गेंदबाज चेतन शर्मा ही थे. इसके बावजूद उन्होंने अपने खेल से खुद को साबित किया और टीम में अपनी जगह बनाए रखी.
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद चेतन शर्मा नेशनल सेलेक्टर और बीसीसीआई चयन समिति के अध्यक्ष भी रहे. हालांकि इस भूमिका में वे विवादों में भी रहे, लेकिन भारतीय क्रिकेट के विकास में उनका योगदान अहम माना जाता है.
जसप्रीत बुमराह को इंग्लैंड दौरे पर पांच में से तीन ही टेस्ट खेलने के बाद आलोचनाएं सुननी पड़ रही है. लेकिन इसी बीच भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सेलेक्टर चेतन शर्मा ने जसप्रीत बुमराह का समर्थन किया है.
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