एन बीरेन सिंह
नोंगथोम्बम बीरेन सिंह (Nongthombam Biren Singh) मणिपुर के मुख्यमंत्री हैं (Biren Singh CM of Manipur). एन बीरेन सिंह को राष्ट्र के लिए उनके असाधारण कार्य के लिए 2018 में चैंपियंस ऑफ चेंज से सम्मानित किया गया था. वह पूर्व फुटबॉलर खिलाड़ी होने के साथ पत्रकारिता से भी जुड़े रहे हैं (Biren Singh Early Profession).
उन्होंने एक फुटबॉलर के रूप में अपना करियर शुरू किया और घरेलू प्रतियोगिताओं में अपनी टीम के लिए खेलते हुए सीमा सुरक्षा बल (BSF) में भर्ती हो गए. उन्होंने बीएसएफ से इस्तीफा देकर पत्रकारिता की ओर रुख किया और 2001 तक इस क्षेत्र में काम किया.
बीरेन सिंह 2002 में डेमोक्रेटिक रिवोल्यूशनरी पीपल्स पार्टी (Democratic Revolutionary Peoples Party) में शामिल हुए और हिंगांग से विधानसभा चुनाव जीता. 2003 में पार्टी में शामिल होने के बाद उन्होंने 2007 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress Party) के टिकट पर चुनाव लड़ा. युवा मामलों और खेल मंत्री के रूप में कार्य करते हुए, उन्होंने 2016 में कांग्रेस छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए. 2017 में, उन्होंने हिंगांग से अपनी सीट बरकरार रखी और वे भाजपा के गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री बने (Biren Singh Political Career).
वह मणिपुर में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री हैं (Biren Singh First BJP CM of Manipur).
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मिजोरम में अवैध गांवों को हटाने की योजना के बाद संभावित घुसपैठ की आशंका जताई है. उन्होंने राज्य सरकार से सीमा सुरक्षा बढ़ाने और विस्थापितों की पहचान सुनिश्चित करने की अपील की. बीरेन सिंह ने अपने आवास पर 2,000 विस्थापितों के साथ "निंगोल चाकौबा" पर्व मनाकर एकजुटता भी दिखाई.
कई मैतेई विधायक कुकी विधायकों से संपर्क साध रहे हैं, ताकि सरकार गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके. सूत्रों के मुताबिक मणिपुर विधानसभा के स्पीकर सत्यब्रत ठाकुर और अन्य विधायकों ने दिल्ली में पूर्व कुकी मंत्री लेतपाओ हाओकिप से मुलाकात की है.
बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय भल्ला को लिखे अपने पत्र में कहा कि मणिपुर में अवैध प्रवासियों की मौजूदगी एक गंभीर समस्या बन गई है. उन्होंने केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन को जारी रखने की मांग की है, जिसमें 30 दिनों के अंदर बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों की पहचान और निर्वासन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया गया है.
मणिपुर पुलिस की ओर से जारी एक आदेश में बीरेन सिंह की सुरक्षा में तैनात 17 पुलिसकर्मियों को हटाने का निर्देश दिया गया है. यह निर्देश पुलिस महानिदेशक (DGP) की ओर से जारी किया गया, जिसमें इन सुरक्षाकर्मियों को तुरंत प्रभाव से अपने मूल यूनिट में लौटने को कहा गया है. एक अलग आदेश में बताया गया कि अब सिर्फ छह सुरक्षाकर्मी- तीन असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर, एक हेड कॉन्स्टेबल और दो कॉन्स्टेबल- ही अगले आदेश तक बीरेन सिंह के साथ तैनात रहेंगे.
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद सुरक्षा बलों ने एक हफ्ते के अंदर ही एक सीनियर लीडर सहित 30 से ज्यादा उग्रवादियों को गिरफ्तार कर लिया है. सुरक्षा बलों ने हथियारों और विस्फोटकों का एक बड़ा जखीरा भी बरामद किया है.
लोकतंत्र में राष्ट्रपति शासन की व्यवस्था पेनकिलर जैसी होती है, जो तात्कालिक राहत भले दे दे लेकिन बीमारी अपनी जगह बनी ही रहती है - और यही वजह है कि मणिपुर संकट का स्थाई इलाज सियासी समाधान ही बचता है.
मणिपुर में गुरुवार को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके चलते विधानसभा को भी निलंबित कर दिया गया है. मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा के चलते गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में केंद्रीय शासन की घोषणा करते हुए कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की राय है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसमें उस राज्य की सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल सकती है.
मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तीन दिन बाद भी एन. बीरेन सिंह के उत्तराधिकारी पर कोई सहमति नहीं बनने के कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है. मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा के चलते कानून-व्यवस्था की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है.
मणिपुर सहित पूरे उत्तर-पूर्व में जातीय संघर्ष बेहद जटिल और गहराई से जड़ें जमाए हुए हैं. न तो बिरेन सिंह का इस्तीफा, न कोई नया मुख्यमंत्री और न ही केंद्र का सीधा हस्तक्षेप इस समस्या का कोई आसान समाधान निकाल सकता है. जब तक राज्य के हर जातीय, धार्मिक और भाषाई समुदाय की अपनी अलग पहचान को बनाए रखने की मानसिकता कायम रहेगी तब स्थाई शांति की बीत बेमानी ही होगी.
सूत्रों के मुताबिक संबित पात्रा राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से बीते 12 घंटों में 2 बार मिले, लेकिन संभावित मुख्यमंत्री के नाम पर कोई निर्णय नहीं ले पाए हैं, उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सत्यब्रत सिंह, मंत्री बिस्वजीत सिंह, मंत्री खेमचंद, विधायक राधेश्याम और बसंत कुमार सहित कई नेताओं से चर्चा की है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि आज मणिपुर विधानसभा के संवैधानिक रूप से अनिवार्य सत्र की आखिरी तारीख है. उन्होंने कहा, "संविधान के अनुच्छेद 174(1) के तहत यह स्पष्ट है कि विधानसभा सत्र के अंतिम सत्र और अगले सत्र के पहले सत्र के बीच छह महीने से अधिक का अंतर नहीं हो सकता."
एनपीपी विधायक शेख नूरुल हसन ने सोमवार को कहा कि एनपीपी ने केंद्र की एनडीए सरकार से नहीं, बल्कि बीरेन की सरकार से समर्थन वापस लिया था. क्योंकि अब बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया है. इसलिए पार्टी राज्य सरकार को भी अपना समर्थन जारी रखेगी.
मणिपुर में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद अगले सीएम की चर्चा तेज हो गई है. बीजेपी प्रभारी संबित पात्रा ने विधायकों के साथ बैठक की. राज्यपाल ने बीरेन सिंह को वैकल्पिक व्यवस्था तक कार्यवाहक सीएम बने रहने को कहा है. वहीं इसे लेकर विपक्ष का हमला जारी है. देखिए VIDEO
राहुल गांधी मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर रहे हैं. लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस नेता ने मणिपुर के मुद्दे पर बीजेपी को बार बार घेरने की कोशिश की, और आखिरकार मणिपुर कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव की घोषणा ने बीरेन सिंह को इस्तीफा देने को मजबूर कर दिया.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को इस्तीफा दे दिया. ये इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब राज्य में पिछले 20 महीने से हिंसा जारी है और बीरेन सिंह को लेकर विरोध बढ़ रहा था. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर बीरेन सिंह ने इस्तीफा क्यों दिया...
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली हार के बाद आतिशी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन राज्यपाल ने उन्हें नया सीएम चुने जाने तक कार्यवाहक सीएम के रूप में काम करने की जिम्मेदारी दी है. वहीं, मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद भी नया मुख्यमंत्री मिलने तक उन्हें जिम्मेदारी संभालने को कहा गया है.
मणिपुर में एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद सियासी हलकों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि सूबे का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. वहीं, इंफाल में राजभवन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने एन बीरेन सिंह को 'वैकल्पिक व्यवस्था' होने तक पद पर बने रहने को कहा है.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मैतेई और कूकी समुदायों के संघर्ष के बीच अपने पद से इस्तीफा दिया. लंबे समय से इस्तीफे की मांग की जा रही थी. इन समुदायों की भूमि विवाद और जनजातीय श्रेणी में शामिल होने की मांगों ने संघर्ष को बढ़ावा दिया था. पूरी घटना की टाइमलाइन यहां देखें.
Manipur CM Biren Singh resign Reasons: मणिपुर के मुख्यंत्री बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बीरेन सिंह आज ही दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे. अब उन्होंने वापस मणिपुर लौटकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. बीरेन सिंह पर पिछले डेढ़ साल से दवाब था, लेकिन सवाल ये है कि अब ऐसा क्या हुआ कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा?
मणिपुर में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है, सूबे के सीएम एन बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. बीरेन सिंह थोड़ी देर पहले ही बीजेपी सांसद संबित पात्रा, मणिपुर सरकार के मंत्री और विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे थे. इस फैसले से पहले बीरेन सिंह ने आज ही दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी.
मणिपुर में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है, सूबे के सीएम एन बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. बीरेन सिंह थोड़ी देर पहले ही बीजेपी सांसद संबित पात्रा, मणिपुर सरकार के मंत्री और विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे थे. संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है. इस अपार भीड़ के कारण शहर की सड़कों पर भीषण जाम लग गया है.