भारत जैसे विविधता वाले देश में "बीफ" (Beef) यानी गौमांस एक संवेदनशील और बहुआयामी विषय है. यह सिर्फ एक खाद्य वस्तु नहीं, बल्कि सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक विमर्श का केंद्र भी रहा है. जहां कुछ समुदायों में इसे सामान्य आहार माना जाता है, वहीं कई अन्य धर्मों और परंपराओं में इसे पवित्र गाय से जोड़कर निषिद्ध माना गया है.
हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है. हजारों वर्षों से गाय की पूजा होती रही है और गौहत्या को पाप माना गया है.
इस्लाम, ईसाई धर्म, बौद्ध धर्म और आदिवासी समुदायों में बीफ का सेवन सामान्य बात रही है. खासकर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, केरल, गोवा, और कुछ दक्षिणी हिस्सों में बीफ भोजन का हिस्सा है.
भारत में बीफ पर प्रतिबंध राज्य सरकारों द्वारा तय किया जाता है. उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में गाय की हत्या और बीफ की बिक्री प्रतिबंधित है. केरल, गोवा, नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में बीफ कानूनी रूप से उपलब्ध है. झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में कुछ स्थितियों में बैल और भैंस के मांस की अनुमति है, लेकिन गाय की हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध है.
बीफ पर विवादों ने कई बार साम्प्रदायिक तनाव को जन्म दिया है.
बैंक इंप्लॉइज फेडरेशन ऑफ इंडिया पहले मैनेजर के कथित मानसिक उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन करने वाला था. लेकिन बीफ बैन की खबर सामने आने के बाद विरोध प्रदर्शन इसी मुद्दे पर केंद्रित हो गया. कर्मचारियों का आरोप है कि हाल ही में बिहार से ट्रांसफर होकर आए रीजनल मैनेजर ने कैंटीन में बीफ परोसने पर रोक लगा दी थी, जबकि यहां कैंटीन में सप्ताह के कुछ दिनों में बीफ परोसा जाता है.
असम में बीफ की अवैध बिक्री को लेकर पुलिस ने बड़ा अभियान चलाया है. यहां गुवाहाटी समेत कई जिलों में छापेमारी कर एक क्विंटल से ज्यादा बीफ जब्त किया गया और 133 लोग गिरफ्तार किए गए हैं.