बागलकोट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र कर्नाटक राज्य के 28 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. यह निर्वाचन क्षेत्र 1967 में अस्तित्व में आया. इस क्षेत्र के पहले सांसद स्वतंत्रता सेनानी संगनगौड़ा बसनगौड़ा पाटिल हैं. बागलकोट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आठ विधान सभा क्षेत्र शामिल हैं.
आजादी के बाद बागलकोट लोकसभा सीट बॉम्बे स्टेट में आती थी. तब इसका नाम बीजापुर दक्षिण सीट था. इसके बाद साल 1957 के लोकसभा चुनाव में यह सीट मैसूर स्टेट में आ गई. इस दौरान यहां से 1957 और 1962 के चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. साल 1967 में मैसूर स्टेट के अंतर्गत ही इसे लोकसभा सीट बनाया गया. इस सीट पर 2014 तक हुए कुल चुनावों में 8 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की जबकि 3 बार यह सीट बीजेपी के खाते में गई. इसके अलावा जनता दल और लोक शक्ति पार्टी ने भी 1-1 बार यहां से जीत चुके हैं.
बगलाकोट जिले का मुख्यालय भी है. यह राज्य की राजधानी बेंगलुरु से लगभग 481 किमी उत्तर-पश्चिम, हैदराबाद से 410 किमी दक्षिण-पश्चिम में और मुंबई से लगभग 570 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है. घटप्रभा नदी इस क्षेत्र से गुजरती है.
2011 की राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार शहरी समूह की आबादी 21 लाख है जिसमें 70 फीसदी ग्रामीण और 30 फीसदी शहरी आबादी शामिल है. क्षेत्र में कुल आबादी का 16 फीसदी हिस्सा अनुसूचित जाति और 5 फीसदी हिस्सा अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखता है.
कर्नाटक के बागलकोट जिले के नवनगर सेक्टर 43 स्थित सरकारी हाई स्कूल में छात्रों ने हेडमिस्ट्रेस गीता कापसे के खिलाफ जातीय भेदभाव और दुर्व्यवहार के आरोप लगाकर जोरदार प्रदर्शन किया. छात्र-छात्राओं ने स्कूल से लेकर पुलिस स्टेशन तक मार्च निकाला. ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ने मौके पर पहुंचकर शिकायतें दर्ज कीं और कार्रवाई का भरोसा दिया.
कर्नाटक के बागलकोट से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक हेयर ड्रॉयर फट गया जिससे एक दिवंगत पूर्व सैनिक की पत्नी बुरी तरह घायल हो गई. साथ ही उसके दोनों हाथ भी कट गए.
कर्नाटक के बागलकोट से एक दुर्लभ मामला सामने आया है. आया पर एक बच्चा 25 अंगुलियों के साथ पैदा हुआ है. बच्चा और उसकी मां दोनों स्वस्थ हैं. वहीं, परिवार ने इसे ईश्वर का आशीर्वाद बताया है.