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अर्जुन टैंक

अर्जुन टैंक

अर्जुन टैंक

अर्जुन टैंक (Arjun Tank) भारत द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित मुख्य युद्धक टैंक (Main Battle Tank – MBT) है. यह रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिजाइन किया गया है. इसका नाम महाभारत के वीर योद्धा अर्जुन के नाम पर रखा गया है. अर्जुन टैंक भारतीय सेना की ताकत को स्वदेशी तकनीक से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

भारतीय सेना ने अब तक अर्जुन टैंक की सीमित संख्या को अपनाया है. इसकी मारक क्षमता और सुरक्षा प्रणालियां अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती हैं, लेकिन इसके भारी वजन और कुछ तकनीकी कमियों के कारण इसे हर भौगोलिक क्षेत्र में तैनात करना चुनौतीपूर्ण रहा है.

अर्जुन टैंक का विकास 1970 के दशक के अंत में शुरू हुआ था. इसका उद्देश्य भारतीय सेना को एक आधुनिक, उच्च मारक क्षमता वाले टैंक से लैस करना था, जो पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं पर दुश्मन का सामना कर सके. पहला प्रोटोटाइप 1980 के दशक में तैयार हुआ, और विस्तृत परीक्षणों के बाद इसका सीमित उत्पादन 1996 में शुरू हुआ.

अर्जुन टैंक में 120 मिमी की स्मूथबोर तोप होती है, जो HE (high explosive) और APFSDS (armor-piercing) गोले दाग सकती है. इसमें एक 7.62 मिमी को-एक्सियल मशीन गन और एक 12.7 मिमी एंटी-एयरक्राफ्ट मशीन गन लगी होती है. जिसमें 1,400 हॉर्सपावर वाला इंजन लगा होता है जिसकी अधिकतम गति लगभग 70 किमी/घंटा है.

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