आंवला (Aonla) उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक शहर है. यह एक प्रस्तावित जिला और एक नगरपालिका बोर्ड भी है जहां तीन तहसीलें हैं- आंवला, बिसौली और दातागंज. आंवला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है.
भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार, आंवला की जनसंख्या 55,629 है, जिसमें 29,231 पुरुष और 26,398 महिलाएं शामिल हैं. अनुसूचित जाति (एससी) कुल जनसंख्या का 7.56% है. इस क्षेत्र में कोई अनुसूचित जनजाति नहीं है और बहुसंख्यक ठाकुर और मुस्लिम हैं.
आंवला का प्रशासन नगर पालिका परिषद (नगरपालिका निकाय) द्वारा किया जाता है, जिसके लिए हर 5 साल में चुनाव होते हैं. परिषद को 26 वार्डों में विभाजित किया गया है. आंवला एक तहसील मुख्यालय भी है. इसका नेतृत्व राजस्व और आपराधिक प्रशासन के प्रभारी सब डिविजनल मजिस्ट्रेट करते हैं. आंवला में कुल 369 राजस्व गांव हैं.
यहां कुछ घूमने के स्थान भी हैं, जिसमें श्री अहिच्छत्र पार्श्वनाथ अतिशय तीर्थ क्षेत्र, दिगंबर जैन मंदिर, रामनगर किला, भीम का गढ़ा, पुरैना मंदिर और टेडेश्वर मंदिर शामिल है.
अक्षय नवमी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है, जो धार्मिक और आयुर्वेदिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. आंवला, जो इस दिन पूजा जाता है, आयुर्वेद में श्रेष्ठ औषधीय फल माना जाता है. यह फल शीतलता प्रदान करता है और त्रिफला जैसी औषधियों का आधार है.
आंवला फल को संसार का पहला फल माना जाता है और यह आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण का मुख्य हिस्सा है. स्कंद पुराण में इसकी उत्पत्ति की कथा वर्णित है, जिसमें बताया गया है कि कैसे ब्रह्मदेव के प्रेम के आंसुओं से आंवले का वृक्ष उत्पन्न हुआ.
कार्तिक मास को सनातन परंपरा में अत्यंत पवित्र माना जाता है, विशेषकर इस मास की शुक्ल नवमी जिसे अक्षय नवमी कहा जाता है. इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि यह भगवान विष्णु को प्रिय है और पाप नाश करने वाला माना जाता है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार, आंवला वृक्ष में भगवान विष्णु का निवास होता है. कहा जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने नाभि कमल से ब्रह्मा जी को उत्पन्न किया था. इसलिए इस वृक्ष को ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का प्रतीक माना जाता है.
Akshaya Navami 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, 30 अक्टूबर को सुबह 10:06 बजे से प्रारंभ होगी और 31 अक्टूबर को सुबह 10:03 बजे इसका समापन होगा. उदिया तिथि के आधार पर अक्षय नवमी का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
आंवला और भृंगराज बालों के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं. ये दोनों बालों के रुखापन, डैंड्रफ और बाल झड़ने की समस्याओं को दूर करते हैं और बालों की तेजी से बढ़ाने में मदद करते हैं.
विटामिन-सी से भरपूर फल आंवले को बिना पूंजी का व्यवसाय माना जाता है लेकिन मौजूदा हालात ये हैं कि बड़े स्तर पर खेती करने वाले कई किसानों ने आंवले के सैकड़ों पेड़ कटवा दिए. प्रतापगढ़ के आंवला किसानों की ज़मीनी हक़ीक़त चिंता पैदा करती है.