अनिमेष कुजूर (Animesh Kujur) एक भारतीय धावक हैं, जो एथलेटिक्स की दुनिया में तेजी से उभर रहे हैं. अपनी शानदार रफ्तार, अनुशासन और मेहनत से अनिमेष ने देशभर के खेलप्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. झारखंड से आने वाले इस युवा धावक ने न सिर्फ राज्य स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सबको चौंकाया है.
छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव घुइटानगर से निकले अनिमेष अब भारतीय एथलेटिक्स में नया अध्याय लिख रहे हैं. सीमित संसाधनों और कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने दौड़ के प्रति अपनी लगन और जूनून को कभी कम नहीं होने दिया. बचपन में ही उन्होंने स्कूल स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया और हर दौड़ में खुद को साबित किया. गांव की कच्ची सड़कों से शुरू हुई उनकी यह यात्रा आज अंतरराष्ट्रीय ट्रैक तक पहुंचने को तैयार है.
भारत के सबसे तेज धावक बन चुके कुजूर ने 100 मीटर की दौड़ मात्र 10.18 सेकेंड में पूरी कर इतिहास रच दिया. शानदार प्रदर्शन के साथ उन्होंने गुरिंदरवीर सिंह का 10.20 सेकेंड वाला राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया. 6 फीट 2 इंच लंबे कुजूर ने जुलाई में पहली बार प्रतिष्ठित डायमंड लीग में भाग लिया, जहां उनका मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के युवा और उभरते एथलीट गॉट गॉट (Gout Gout) से हुआ, जो पहले ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर सबका ध्यान खींच चुके हैं.
मोनाको डायमंड लीग में कुजूर ने अंडर-23 श्रेणी की 200 मीटर दौड़ में हिस्सा लिया और स्प्रिंट इवेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले एथलीट बने. इस बड़े मंच पर उन्होंने घबराने के बजाय खुद को प्रेरित किया और दुनिया के दिग्गज उभरते धावकों के बीच दमदार प्रदर्शन करते हुए पदक की दौड़ में शामिल रहे.
15 जुलाई को उन्होंने लूजर्न में आयोजित एक सिल्वर स्टैंडर्ड मीट में 100 मीटर स्प्रिंट में 10.28 सेकेंड का समय लेकर दूसरा स्थान हासिल किया. यह समय भारत के सर्वश्रेष्ठ धावक गुरिंदरवीर सिंह (10.54 सेकेंड) से काफी बेहतर था. अब कुजूर जर्मनी के बोखुम में ट्रेनिंग लेंगे और इसके बाद सितंबर में टोक्यो में होने वाली विश्व चैंपियनशिप से पहले कुछ अन्य प्रतियोगिताओं में भाग लेने भारत लौटेंगे.
अनिमेष का सपना है कि वे भारत के लिए ओलंपिक में भाग लें और देश को पदक दिलाएं. उनका मानना है कि भारत में भी स्प्रिंटिंग के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, बस जरूरत है सही ट्रेनिंग, मार्गदर्शन और अवसरों की.
स्टार धावक अनिमेष कुजूर, अनुभवी भाला फेंक एथलीट अन्नू रानी और लंबी कूद के दिग्गज एथलीट मुरली श्रीशंकर रविवार को भारत की पहली विश्व एथलेटिक्स महाद्वीपीय टूर प्रतियोगिता में अपनी अपनी स्पर्धाओं में जीत हासिल कर उम्मीदों पर खरे उतरे.
भारत के सबसे तेज धावक अनिमेष कुजूर ने 2025 के कॉन्टिनेंटल टूर में 200 मीटर फाइनल 20.77 सेकंड में जीतकर शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन वह खुद अपनी टाइमिंग से संतुष्ट नहीं थे, साल की शुरुआत में घरेलू प्रतियोगिताओं, यूरोप में एक महीने की ट्रेनिंग-प्रतिस्पर्धा और फिर घर लौटकर कॉन्टिनेंटल टूर ने उनके शरीर पर असर डाला.
अनिमेष कुजूर छत्तीसगढ़ के छोटे से गांव से निकलकर भारत के सबसे तेज स्प्रिंटर बन चुके हैं. उन्होंने हाल ही में मोनाको डायमंड लीग में भाग लिया और विश्व के शीर्ष युवा एथलीटों के साथ प्रतिस्पर्धा की. हालांकि उनका प्रदर्शन व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ से थोड़ा धीमा था, फिर भी उनकी मेहनत और जज्बा उन्हें वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के लिए क्वालिफाई करने की दिशा में ले जा रहा है.