मीर खान मुत्ताकी (Amir Khan Muttaqi) वर्तमान में अफगानिस्तान (Afghanistan) के इस्लामिक अमीरात के विदेश मंत्री के रूप में कार्यरत हैं. उनका जन्म 26 फरवरी 1971 को हुआ. वह तालिबान के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं. उनके मानवाधिकार उल्लंघनों और आतंकवाद समर्थन के आरोपों के चलते वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित हैं.
मुत्ताकी का राजनीतिक शुरुआत 1990 के दशक से शुरू हुआ, जब उन्होंने अफगान जिहाद में सक्रिय भागीदारी की. उनके परिवार पाकिस्तान में बस गया था, जहां उन्होंने धार्मिक शिक्षा प्राप्त की. वे तालिबान के प्रमुख प्रवक्ता बने और कंधार में सूचना एवं संस्कृति मंत्रालय के प्रमुख के रूप में भी काम किया. इन सबके बावजूद, उनके कार्यकाल में मानवाधिकार उल्लंघन, महिलाओं और बच्चों के अधिकारों का पालन न करने जैसी गंभीर चिंताएं भी उठी हैंय अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद, उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा, जिनके तहत उनकी विदेश यात्रा पर रोक लगाई गई थी.
हालांकि, अक्टूबर 2025 में संयुक्त राष्ट्र ने भारत के अनुरोध पर उन्हें यात्रा की अनुमति दी है, जो इस बात का संकेत है कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में परिवर्तन हो रहा है. मुत्ताकी अफगानिस्तान के शक्तिशाली नेताओं में से एक हैं. भले ही तालिबान सरकार को अभी तक वैश्विक स्तर पर मान्यता नहीं मिली है, लेकिन मुत्ताकी के दौरे इस क्षेत्र में नई गतिशीलता का संकेत हैं.
अफगानिस्तान के वाणिज्य मंत्री नूरुद्दीन अजीजी भारत दौरे पर पहुंचे हैं. पाकिस्तान से ट्रेड खत्म करने के अल्टीमेटम के बाद यह यात्रा भारत-अफगान रिश्तों की बढ़ती गर्मी और क्षेत्रीय कूटनीति में बड़े बदलाव की ओर संकेत देती है.
गीतकार जावेद अख्तर ने तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के दारुल उलूम देवबंद दौरे और वहां हुए उनके भव्य स्वागत पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. अख्तर ने कहा, ‘दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी समूह तालिबान के प्रतिनिधि को दिए गए सम्मान और स्वागत को देख कर मेरा सिर शर्म से झुक गया.
प्रख्यात शायर जावेद अख्तर ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी के स्वागत का विरोध तो किया ही, महिला पत्रकारों पर तंज कसकर वो घिर चुके हैं. सवाल उठता है कि क्या दुनिया का कोई भी देश कूटनीति किसी नैतिकता के आधार पर करता है? या, केवल भारत ने ही इसका ठेका ले रखा है?
कूटनीतिक हलकों का मानना है कि यह दौरा भारत और तालिबान सरकार के बीच संवाद के नए आयाम खोलेगा. इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर और मुत्ताकी के बीच 15 मई को फोन पर बातचीत हो चुकी है.