अलीपुरद्वार (Alipurduar) पश्चिम बंगाल राज्य का एक सुंदर और ऐतिहासिक शहर है. यह अलीपुरद्वार जिले का मुख्यालय होने के साथ-साथ उत्तर-पूर्व रेलवे के अलीपुरद्वार रेल मंडल (NFR Division) का प्रमुख केंद्र भी है. यह शहर हिमालय की तराई में बहने वाली कालजनी नदी के तट पर बसा है और इसे अक्सर भूटान का प्रवेश द्वार (Gateway to Bhutan) कहा जाता है.
अलीपुरद्वार जिला पश्चिम बंगाल के पूर्वी सिरे पर स्थित डुआर्स क्षेत्र का हिस्सा है. यह इलाका ऊबड़-खाबड़ भूभाग, घने जंगलों और हिमालय की पहाड़ियों से उतरती नदियों से घिरा हुआ है. यहां का वातावरण मनमोहक है और वर्षभर हरा-भरा परिदृश्य देखने को मिलता है.
अलीपुरद्वार जिले से कई नदियां बहती हैं, जिनमें कालजनी, तोर्सा, रैदी, और संकोश नदी प्रमुख हैं. इन नदियों की वजह से यह क्षेत्र न केवल उपजाऊ है बल्कि वन्यजीव और जैव विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है.
अलीपुरद्वार जिले का गठन 2014 में जलपाईगुड़ी जिले के विभाजन के बाद हुआ था. यह जिला अब पश्चिम बंगाल के प्रमुख प्रशासनिक और पर्यटक केंद्रों में से एक माना जाता है. जिले का कुल क्षेत्रफल व्यापक है और इसमें छह सामुदायिक विकास खंड (Community Development Blocks) शामिल हैं.
जिला कुल मिलाकर ग्रामीण इलाकों में बसा है. लगभग 79.38% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है. जबकि 20.62% जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में रहती है. यहां एक नगरपालिका शहर (Municipal Town) और 20 जनगणना नगर (Census Towns) हैं.
भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार, अलीपुरद्वार शहरी क्षेत्र (Urban Agglomeration) की कुल जनसंख्या 1,27,342 थी,
जिसमें से 64,898 पुरुष और 62,444 महिलाएं थीं. यहां 0–6 वर्ष आयु वर्ग की जनसंख्या लगभग 10,545 थी.
साक्षरता दर की बात करें तो, 7 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में साक्षरता दर 89.16% दर्ज की गई थी, जो कि राज्य के औसत से अधिक है. अलीपुरद्वार की आबादी में अनुसूचित जाति (Scheduled Castes) और अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes) की संख्या काफी अधिक है. विशेष रूप से जिले के उत्तरी ब्लॉकों में आदिवासी समुदायों का घनत्व अधिक है, जो अपनी पारंपरिक संस्कृति और रीति-रिवाजों के लिए जाने जाते हैं.
अलीपुरद्वार अपनी जनजातीय संस्कृति, वन संपदा, और चाय बागानों के लिए प्रसिद्ध है. यहां की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि, चाय उद्योग और वन उत्पादों पर निर्भर है. साथ ही, यह शहर भूटान की सीमा से सटा हुआ होने के कारण व्यापारिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में बक्सा टाइगर रिजर्व, जयगांव, संकोश नदी घाटी, और भूटान सीमा के सुंदर दृश्य शामिल हैं.
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