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छत्रपति संभाजीनगर में मीट बैन के विरोध में AIMIM नेता ने रखी बिरयानी पार्टी, कहा- हम क्या खाएंगे ये सरकार तय नहीं करेगी

इम्तियाज जलील ने कहा कि मैंने चिकन बिरयानी और एक वेजिटेरियन डिश बनाई है. अगर नगर आयुक्त आएंगे और शाकाहारी खाना मांगेंगे तो मैं दूंगा. लेकिन सरकार यह तय नहीं कर सकती कि हमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीट बैन का फैसला स्वतंत्रता दिवस के दिन लिया गया.

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AIMIM नेता और पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने मीट बैन के विरोध में बिरयानी पार्टी रखी (File Photo: ITG)
AIMIM नेता और पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने मीट बैन के विरोध में बिरयानी पार्टी रखी (File Photo: ITG)

AIMIM नेता और पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने आज अपने घर पर 'बिरयानी पार्टी' आयोजित कर नगर निगम के मांस की दुकानें बंद रखने के आदेश का विरोध किया. ये आदेश नगर निगम ने गोपाल अष्टमी और जैन समुदाय के पर्यूषण पर्व के मौके पर शहर की मीट की दुकानों और स्लॉटर हाउस को बंद रखने के लिए जारी किया था. 

नगर निगम के मुताबिक 15 अगस्त को गोपाल अष्टमी और 20 अगस्त को पर्यूषण पर्व के अवसर पर मीट शॉप्स और स्लॉटर हाउस बंद रहेंगे. इम्तियाज जलील ने इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता में दखल बताते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा और पूछा कि उन्होंने नगर आयुक्त को ये आदेश वापस लेने के निर्देश क्यों नहीं दिए.

समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक इम्तियाज जलील ने कहा कि मैंने चिकन बिरयानी और एक वेजिटेरियन डिश बनाई है. अगर नगर आयुक्त आएंगे और शाकाहारी खाना मांगेंगे तो मैं दूंगा. लेकिन सरकार यह तय नहीं कर सकती कि हमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीट बैन का फैसला स्वतंत्रता दिवस के दिन लिया गया.

जलील ने आरोप लगाया कि कुछ नगर आयुक्त ऐसे आदेश सरकार को खुश करने के लिए जारी करते हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या मुस्लिम समुदाय के रमजान और बकरीद पर शराब की दुकानें बंद की जाएंगी?

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छत्रपति संभाजीनगर के अलावा नागपुर, नाशिक और मालेगांव के नगर निगमों ने भी इसी तरह के आदेश जारी किए, जिससे विवाद और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर बहस छिड़ गई. विपक्षी दलों ने इस कदम की आलोचना की, जबकि बीजेपी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर स्लॉटर हाउस बंद रखने की नीति 1988 में उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार के कार्यकाल में लागू हुई थी.

हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार लोगों की खाने की आदतों को नियंत्रित करने में दिलचस्पी नहीं रखती और मीट बैन विवाद को अनावश्यक करार दिया.

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