अहमद अल-शरा (Ahmad Al Sharaa), जिसे अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से भी जाना जाता है, सीरिया के राष्ट्रपति हैं. शरा एक कट्टरपंथी इस्लामी लड़ाका थे जिसे अमेरिका (America) कुछ समय पहले तक आतंकवादी मानता था. इतना ही नहीं उनके सिर पर एक करोड़ डॉलर (85.5 करोड़ रुपये) का इनाम भी घोषित किया था.
शरा का जन्म 1979 में सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हुआ था. उनका परिवार सीरिया की राजधानी दमिश्क में बस गया. अल-शरा कम उम्र से ही राजनीति में एक्टिव हैं.
साल 2003 में जब अमेरिका ने इराक में अपनी सेना तैनात की तो शरा इसके खिलाफ विद्रोहियों का साथ देने के लिए इराक चले गए और आतंकवादी समूह अल-कायदा से जुड़ गए. साल 2010 में इराक में अमेरिकी सेना ने 2010 में शरा को गिरफ्तार कर लिया और कुवैत के करीब बसा कैंप ‘बुका जेल’ में बंद कर दिया. तीन साल में यानी 2013 में आतंक को फाइनेंस करने, आतंकी घटनाएं प्लान करने आदि का आरोप लगाते हुए अमेरिकी विदेश विभाग ने अल-शरा को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया.
2016 में अलकायदा में फूट पड़ने के बाद शरा ने हयात तहरीर अल-शाम (HTS) की स्थापना की जो सीरिया में बशर अल-असद सरकार को हटाने के लिए लड़ रहे गुटों में से सबसे अहम था. इस लड़ाई में HTS ने उत्तर-पश्चिमी सीरिया में इदलिब और उससे लगे इलाकों पर कब्जा कर लिया और प्रशासन संभालने लगा. 2020 में शरा के इस समूह ने इदलिब से अल-कायदा के ठिकानों को उखाड़ फेका.
साल 2024 नवंबर में HTS ने दमिश्क पर धावा बोल दिया और कुछ ही समय में बशर अल-असद को देश छोड़कर भागना पड़ा. अब असद रूस के राजनीतिक शरण में हैं.
दमिश्क पर अपने कब्जे के बाद अहमद अल-शरा देश के अंतरिम राष्ट्रपति बने (Syrian Interim President). अब अमेरिका ने सीरिया से सारे प्रतिबंध हटा दिए हैं.
आपको बता दें कि HTS अब भी संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और ब्रिटेन के लिए एक आतंकवादी संगठन है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं. वह कब क्या कह दें उनका कोई भरोसा नहीं होता. ऐसे ही एक वाकये में ट्रंप ने सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से ऐसा सवाल पूछा लिया, जिस पर व्हाइट हाउस में ठहाके गूंजने लगे.
सीरिया में बशर अल-असद सरकार के पतन से पहले अहमद अल-शरा (जिन्हें अबू मोहम्मद अल-गोलानी नाम से जाना जाता था) हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के लीडर थे, जो उत्तर-पश्चिमी सीरिया के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखता था. यह संगठन पूर्व में अल-कायदा का सहयोगी था, लेकिन बाद में अलग हो गया. एचटीएस और आईएसआईएस प्रतिद्वंद्वी थे.
सीरियाई राष्ट्रपति की डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात से पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अहमद अल-शरा पर लगे प्रतिबंध हटा दिए हैं. इस प्रस्ताव को अमेरिका ने तैयार किया था. इस फैसले से सीरिया के पुनर्निर्माण और शांति प्रक्रिया को बल मिलने की उम्मीद है.
संयुक्त राष्ट्र के सत्र में भाग लेने के लिए सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शरा अमेरिका पहुंचे हैं. उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो से बातचीत की. यह 60 साल में पहली बार है कि कोई सीरियाई राष्ट्रपति अमेरिका के दौरे पर पहुंचे हैं. देखें US टॉप 10.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सारिया और पाकिस्तान दोनों ही देशों से अपनी दोस्ती मजबूत करने की ठान ली है. सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शरा न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. एक समय अमेरिका ने अल शरा को आतंकी संगठन हयात अल तहरीर का मुखिया माना था और उन पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया था.
सीरिया में गृह युद्ध में द्रूजों पर हुए अत्याचार की कहानी सिहरन पैदा कर देने वाली है. दक्षिणी सीरिया के स्वैदा नेशनल हॉस्पिटल में काम करने वाले एक डॉक्टर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि कई लोगों को पॉइंट ब्लैंक रेंज पर सिर में गोली मारी गई है. यहां 194 द्रूजों को मनमाने तरीके से मौत के घाट उतार दिया गया है.