कल मेरे सहयोगी प्रमोद चौहान मेरे पास आए और मुझे एक पुरानी कहानी सुनाने लगे कि कई साल पहले मेरे एक मित्र का मेरे पास फोन आया कि उज्जैन में मेरे पिता जी का एक्सीडेंट हो गया है. पिता जी और मां कहीं जाने के लिए स्कूटर पर निकले थे और पीछे से किसी ने टक्कर मार दी. पिता जी को बहुत चोट लगी है और वो सीरियस हैं. बताने वाले ने इशारे में बता दिया था कि शायद वो नहीं रहे. देखें- संजय सिन्हा की ये कहानी.