सुबह-सुबह एयरपोर्ट की ओर टैक्सी में जाने का सबसे बड़ा फायदा यही है कि कोई न कोई कहानी ज़रूर मिलेगी. मेरी फ्लाइट का समय छह बजे का था. घर से एयरपोर्ट जाने में एक घंटा लगना ही है और एयरपोर्ट पर कम से कम एक घंटा पहले पहुंचना ही होता है, तो मुझे चार बजे ही घर से निकलना था. साढ़े तीन बजे का अलार्म लगाया, टैक्सी बुक की चार बजे तक तैयार होकर निकल गया. सुनिए संजय सिन्हा की कहानी...