Microsoft, Apple, Amazon और Google की कमाई के बारे में हम बहुत कुछ सुनते रहते हैं. क्या आप इनकी कमाई के आंकड़ों के बारे में जानते हैं. जहां ऐपल की कमाई का ज्यादातर हिस्सा हार्डवेयर प्रोडक्ट्स से आता है. वहीं गूगल की कमाई इंटरनेट और सॉफ्टवेयर एंड से होती है. माइक्रोसॉफ्ट की बात करें तो इसकी कमाई के कई स्रोत हैं.
माइक्रोसॉफ्ट ना सिर्फ सॉफ्टवेयर बल्कि डिवाइसेस, विंडोज और क्लाउड सर्विस से भी कमाता है. कंपनी की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा क्लाउड सर्विसेस से आता है. वैसे बहुत से लोग क्लाउड सर्विसेस के बारे में नहीं जानते हैं, तो आइए समझते हैं क्या हैं क्लाउड सर्विसेस.
सत्य नडेला ने जब माइक्रोसॉफ्ट CEO की कुर्सी संभाली तो कंपनी के सामने कई चुनौतियां थी. विंडोज फोन का मार्केट लगभग खत्म हो गया था और स्मार्टफोन मार्केट में कंपनी की एंट्री कि कोशिश को जबरदस्त झटका लगा था. ऐसा लगने लगा कि माइक्रोसॉफ्ट का भी वही हाल होगा जो कभी जनरल मोटर्स का हुआ था.
हालांकि, कंपनी ने अपनी मार्केटिंग स्टैटजी में बदलाव किया और एक बार फिर उठ खड़ी हुई. हां, माइक्रोसॉफ्ट ने स्मार्टफोन बिजनेस में कोई कमाल नहीं किया, लेकिन ब्रांड ने अपनी क्लाउड सर्विसेस और दूसरे सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स पोर्टफोलियो को मजबूत किया. आज कंपनी की कमाई का 31 परसेंट हिस्सा (सबसे ज्यादा) क्लाउड सर्विसेस से आता है.
माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड सर्विस को Microsoft Azure के नाम से जानते हैं. ये एक क्लाउड कम्प्यूटिंग प्लेटफॉर्म और इंफ्रास्ट्रक्चर है, जो दुनियाभर के बिजनेसेस को ऐप्लिकेशन्स बिल्ड, डिप्लॉइंग और मैनेज करने की सुविधा देता है. इतना ही नहीं ये वर्चुअल मशीन, स्टोरेज और डेटाबेस की सुविधा भी ऑफर करता है.
इसके अलावा कंपनी की 24 परसेंट कमाई का हिस्सा ऑफिस प्रोडक्ट्स हैं. मुश्किल वक्त में कंपनी के ऑफिस प्रोडक्ट्स ने उन्हें मार्केट में बने रहने में मदद की. अब आपको सैमसंग और दूसरे ब्रांड्स के फोन्स में माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के प्रोडक्ट्स नजर आते हैं. इसकी वजह सत्य नडेला है. इसके अलावा कंपनी ने Microsoft Teams को भी काफी मजबूत किया है.
कतर में Ooredoo ने माइक्रोसॉफ्ट Teams को फोन सर्विस की तरह लॉन्च किया है. यानी यूजर्स को एक फुल फ्रूफ फोन सर्विस मिलेगी. इसमें वीडियो कॉलिंग से लेकर ऑडियो कॉलिंग, मैसेजिंग तक की सुविधा मिलती है. हालांकि, इसे सिर्फ बिजनेसेस के लिए लॉन्च किया गया है.