5G कनेक्टिविटी को भारत में भी पिछले हफ्ते पेश कर दिया गया. धीरे-धीरे इसे देश के दूसरे हिस्सों में भी उपलब्ध करवाया जा रहा है. लेकिन, 5G आने के बाद कई चीजें बदलने वाली है. अब एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि इससे फ्लाइट में भी यूजर्स को 5G कनेक्टिविटी मिलेगी.
प्लेन में 5G कनेक्टिविटी मिलने से लोग फ्लाइट के दौरान कॉल कर पाएंगे. इसके लिए यूरोपियन कमीशन तैयारी कर रही है. इससे यूरोपियन एयरलाइन्स में इनफ्लाइट 5G कनेक्टिविटी दी जाएगी. ऑर्गेनाइजेशन ने बताया है कि इससे इनफ्लाइट 5G के लिए कुछ स्पेक्ट्रम उपलब्ध करवाए जाएंगे. हालांकि, पिछले मोबाइल टेक्वोलॉजी जनरेशन को भी फ्लाइट में उपलब्ध करवाया जाएगा.
पैसेंजर्स ऑन-बोर्ड पिको-सेल बेस स्टेशन से कनेक्ट कर पाएंगे. इससे ग्राउंड बेस्ड नेटवर्क को सैटेलाइट के जरिए कनेक्ट किया जाएगा. माना जा रहा है इस कनेक्टिविटी से पैसेंजर्स को कॉल्स, टेक्स्ट और डेटा का सपोर्ट मिलेगा.
नए अवसर पैदा करेगा इनफ्लाइट 5G: EU
EU कमिशनर Thierry Breton ने बताया कि 5G लोगों के लिए इनोवेटिव सर्विस और यूरोपियन कंपनियों के लिए नए अवसर को खोलेगा. उन्होंने आगे कहा कि जब बात सुपर-फास्ट, हाई-कैपिसिटी कनेक्टविटी संभावना की हो तो स्काई अब लिमिट नहीं रह गया है.
हालांकि, उन्होंने साफ नहीं किया कि फ्लायर्स के लिए 5G सर्विस को कब से उपलब्ध करवाया जाएगा. इसको लेकर द वर्ज ने रिपोर्ट किया है. पहले उड़ान के दौरान पैसेंजर्स को अपने डिवाइस को एरोप्लेन मोड में रखने के लिए कहा जाता था. हालांकि, इन रूल्स में पिछले कुछ साल में ढील दी गई है.
साल 2014 में किया गया था रूल में बदलाव
साल 2014 में यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी ने अपने गाइडेंस को अपडेट किया था. इससे पैसेंजर्स को सेफ्टी मोड में मोबाइल रखने की जरूरत एयरलाइन में नहीं पड़ती थी. Airplane Mode सेलुलर कनेक्टिविटी को लिमिट कर देता है. लेकिन, Wi-Fi और ब्लूटूथ जैसे वायरेलस टेक्नोलॉजी जारी रहती है.
माना जा रहा है कि Inflight 5G की वजह से सेफ्टी इश्यू नहीं आएगी. इसके पीछे कारण दिया गया है कि इसके लिए कॉकपिट से अलग फ्रीक्वेंसी को इस्तेमाल किया जाएगा. फोन के लिए 5GHz स्पेक्ट्रम दिया जाएगा. जबकि प्लेन कनेक्टिविटी के लिए 4.2-4.4GHz रेंज का इस्तेमाल करेंगे.