स्मार्टफोन में मोबाइल गेम खेलना बहुत से लोगों को पसंद होता है और कई लोग महंगे सब्सक्रिप्शन की जगह फ्री में उन्हें खोजते हैं. ऐसी ही खोज अक्सर लोगों को साइबर ठग तक पहुंचा देती है और वे आपके बैंक खाते तक खाली कर देते हैं.
गाजियाबाद में क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम ने एक गिरोह को गिरफ्तार किया है. ये गिरोह भोले-भाले लोगों को ऑनलाइन गेमिंग और शेयर मार्केट में इनवेस्टमेंट का झांसा देते थे और उनके बैंक सेंधमारी करते थे. ऐसा करके उन्होंने पूरे देश में कई लोगों को शिकार बनाया और उन्होंने करीब 8 करोड़ रुपये की ठगी की है.
पुलिस टीम ने चार लोगों को गिरफ्तार किया
पुलिस टीम ने चार शातिर लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से चार मोबाइल और 50 हजार रुपये की नगदी बरामद की है. पुलिस जांच में अब तक 8 करोड़ रुपये की ठगी और NCRB पोर्टल पर दर्ज 34 कंप्लेंट का खुलासा हुआ है.
फ्री गेमिंग ऐप के नाम पर देते थे झांसा
एडीसीपी क्राइम पीयूष कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार ठग लोगों को फ्री गेमिंग ऐप डाउनलोड करने का लालच देकर APK फाइल भेजते थे. इन फाइल्स के अंदर वायरस होते थे और जैसे ही विक्टिम लिंक पर क्लिक करके इन APK File को फोन में इंस्टॉल करते, उसके बाद ये वायरस अपना काम करना शुरू कर देते. पीयुष कुमार ने बताया कि ये खतरनाक वायरस विक्टिम के मोबाइल का कंट्रोल साइबर ठगों के पास पहुंचा देते.
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट की स्वाट टीम ने 31 अक्टूबर को थाना कोतवाली क्षेत्र स्थित महादेव होटल बजरिया और एरीना फिटनेस जिम से 01 नवंबर की रात करीब 2:35 पर आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
8 करोड़ रुपये जमा किए और कई लोगों को बनाया शिकार
एडीसीपी पीयूष कुमार सिंह ने बताया है कि मुख्य आरोपी भास्कर उपाध्याय है ने अपने SBI बैंक खाते में 15 दिनों में करीब 8 करोड़ रुपये जमा किए. उसने अपने साथियों मोहसीन अहमद, गौरव मिश्रा और उस्मान अहमद के साथ मिलकर देशभर में एपीके एप डाउनलोड कराकर लोगों को शिकार बनाया है.
पहले डॉलर में कन्वर्ट कराता और फिर हवाला
ठगी की रकम को गिरोह अमेरिकी डॉलर में बदलकर हवाला के जरिए बांटता था. एनसीआरबी पोर्टल पर आंध्र प्रदेश, गोवा, केरल, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, तमिलनाडु, यूपी, बंगाल, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा समेत 17 राज्यों से कुल 34 शिकायतें दर्ज मिली हैं. पुलिस आगे की जांच कर रही है.