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क्या है डार्क पैटर्न का मायाजाल, जिसे लेकर 26 भारतीय कंपनियों ने किया बड़ा ऐलान

कंज्यूमर्स को फंसाने के लिए बहुत सी कंपनियां डार्क पैटर्न का इस्तेमाल करती हैं. सरकार ने 2023 में इसे रोकने के लिए कड़े नियम बनाए हैं. अब 26 कंपनियों ने ऐलान किया है कि उनके प्लेटफॉर्म डार्क पैटर्न का इस्तेमाल नहीं करते हैं. इस लिस्ट में फ्लिपकार्ट, ब्लिंकइट और रिलायंस जैसे नाम शामिल हैं. आइए जानते हैं कैसे कंपनियां इसका इस्तेमाल करती हैं.

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Flipkart समेत 26 कंपनियों ने सरकार से कहा है कि उनके प्लेटफॉर्म पर डार्क पैटर्न का इस्तेमाल नहीं होता है. (Representative Photo: AP)
Flipkart समेत 26 कंपनियों ने सरकार से कहा है कि उनके प्लेटफॉर्म पर डार्क पैटर्न का इस्तेमाल नहीं होता है. (Representative Photo: AP)

Flipkart, Blinkit, Reliance रिटेल, जोमैटो और टाटा 1mg समेत 26 प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने ऐलान किया है कि उनकी वेबसाइट पर डार्क पैटर्न का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. इन कंपनियों ने सेल्फ ऑडिट या थर्ड पार्टी रिव्यू के आधार पर ये ऐलान किया है. 

कंपनियों का कहना है कि उनके प्लेटफॉर्म पर भ्रामक डिजाइन प्रैक्टिस जैसे डार्क पैटर्न का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. गुरुवार को मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स, फुड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन ने ये जानकारी दी है. 

मंत्रालय ने बताया है, 'इन प्लेटफॉर्म्स ने इंटरनल सेल्फ ऑडिट या थर्ड पार्टी कंज्यूमर ऑडिट कराया है, जिससे डार्क पैटर्न की मौजूदगी को पहचानकर उसे दूर किया जा सके. इन सभी 26 कंपनियों ने ऐलान किया है कि उनके प्लेटफॉर्म पर डार्क पैटर्न नहीं है और वो किसी भी चालाकी भरे डिजाइन का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं.'

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क्या होता है डार्क पैटर्न? 

डार्क पैटर्न ऐसा यूजर इंटरफेस या डिजाइन होता है जो कंज्यूमर्स को ट्रिक करता है. कंज्यूमर्स इन डिजाइन की ट्रिक में फंसकर अनजाने में वो काम करते हैं, जो वो करना नहीं चाहता है. आसान भाषा में कहें तो डार्क पैटर्न किसी जाल की तरह होता है, जिसमें फंसकर कंज्यूमर दबाव या फिर भ्रम में किसी सर्विस या प्रोडक्ट को खरीदता है. 

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इस तरह के पैटर्न का टार्गेट कंज्यूमर्स को भ्रम में डालना या दबाव बनाना होता, जिससे कंपनी को फायदा हो. मसलन आप किसी प्रोडक्ट को खरीदना चाहते हैं, लेकिन वो आपको वैल्यू फॉर मनी नहीं लगता है. ऐसे में कंपनी यूजर इंटरफेस की मदद से ऐसा जाल बिछाती है कि आपको लगेगा उस वक्त वो प्रोडक्ट अब तक की बेस्ट डील पर मिल रहा है. 

कैसे होते हैं लोग डार्क पैटर्न का शिकार?

इसका एक उदाहरण फोर्स्ड सब्सक्रिप्शन है. इसमें कंपनी आपको फ्री ट्रायल का लालच देती है. साथ ही आपके कार्ड्स की डिटेल्स भी ले लेती है और कुछ दिनों के फ्री ट्रायल के बाद सर्विस को ऑटो रिन्यू कर दिया जाता है. बहुत से कंज्यूमर्स को इसका अंदाजा तक नहीं होता है. लगातार पैसे कटने पर उन्हें इस सब्सक्रिप्शन की जानकारी होती है.

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किन कंपनियों ने किया ऐलान? 

  1. पेज इंडस्ट्रीज (Page Industries – Jockey, Speedo)
  2. विलियम पेन प्राइवेट लिमिटेड (William Penn Pvt. Ltd. – Sheaffer, Lapis Bard)
  3. फार्मईजी / एक्सेलिया सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (PharmEasy / Axelia Solutions Pvt. Ltd.)
  4. जेप्टो मार्केटप्लेस प्राइवेट लिमिटेड (Zepto Marketplace Pvt. Ltd.)
  5. क्योराडेन इंडिया (Curaden India – Curaprox)
  6. ड्यूरोफ्लेक्स प्राइवेट लिमिटेड (Duroflex Pvt. Ltd.)
  7. फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड (Flipkart Internet Pvt. Ltd.)
  8. मिंत्रा डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड (Myntra Designs Pvt. Ltd.)
  9. क्लियरट्रिप प्राइवेट लिमिटेड (Cleartrip Pvt. Ltd.)
  10. वॉलमार्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Walmart India Pvt. Ltd.)
  11. मेकमायट्रिप इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (MakeMyTrip (India) Pvt. Ltd.)
  12. बिगबास्केट / इनोवेटिव रिटेल कॉन्सेप्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (BigBasket – Innovative Retail Concepts Pvt. Ltd.)
  13. टीरा ब्यूटी / रिलायंस रिटेल लिमिटेड (Tira Beauty – Reliance Retail Ltd.)
  14. जियोमार्ट / रिलायंस रिटेल लिमिटेड (JioMart – Reliance Retail Ltd.)
  15. रिलायंस ज्वेल्स (Reliance Jewels)
  16. एजियो (Ajio)
  17. रिलायंस डिजिटल (Reliance Digital)
  18. नेटमेड्स (Netmeds)
  19. हैम्लीज (Hamleys)
  20. मिलबास्केट (MilBasket)
  21. स्विगी लिमिटेड (Swiggy Ltd.)
  22. टाटा 1mg (Tata 1mg)
  23. जोमैटो (Zomato)
  24. ब्लिंकिट (Blinkit)
  25. इक्सीगो (Ixigo)
  26. मीशो लिमिटेड (Meesho Ltd.)

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