हाथ में स्मार्टफोन लिए हमारा जैसे ही किसी से बात करने का मन होता है हम कॉल कर देते हैं. ये टेक्नोलॉजी कितनी सुविधाजनक और तेज है? इसके साथ ही हमें अब बहुत ज्यादा पैसे भी खर्च नहीं करने होते हैं. इन सब की चर्चा आज करने की एक खास वजह है. आज यानी 31 जुलाई का दिन इस क्षेत्र में एक बड़ा कदम है.
दरअसल, भारत में पहली मोबाइल कॉल आज के दिन ही की गई थी. 31 जुलाई 1995 में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने पहली मोबाइल कॉल की थी. उन्होंने यूनियन कम्युनिकेशन मिनिस्टर सुखराम को पहली कॉल की थी. भारत में पहली मोबाइल कॉल Nokia के फोन से की गई थी.
इस कॉल को आज 29 साल पूरे हो चुके हैं. ये कॉल Modi Telstra के मोबाइलनेट के जरिए की गई थी, जो भारत के BK Modi और ऑस्ट्रेलिया के Telstra का जॉइंट वेंचर था. इस वॉयस कॉल को दो लोकेशन- कोलकाता और नई दिल्ली के बीच की गई थी.
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उस वक्त कॉलिंग की कॉस्ट काफी ज्यादा थी. उस वक्त कॉल करने के लिए प्रति मिनट 8.4 रुपये खर्च करना पड़ता था. उस वक्त इनकमिंग और ऑउटगोइंग दोनों के लिए पैसे खर्च करने होते थे.
हैवी टैरिफ आवर्स के बीच कॉलिंग का रेट बढ़ जाया करता था. कंज्यूमर्स को 16.8 रुपये तक प्रति मिनट खर्च करने पड़ते थे. हालांकि, अब भारत में ये स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है. अब कॉलिंग के लिए कंज्यूमर्स को चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती है. यहां तक कि अब रिचार्ज का पैटर्न ही बदल चुका है.
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कंज्यूमर्स को ज्यादातर रिचार्ज डेटा फोकस्ड मिलते हैं. कॉलिंग पर फोकस वाले भी कुछ प्लान्स मौजूद हैं, लेकिन ज्यादातर प्लान्स में चर्चा डेटा की होती है. टेलीकॉम सेक्टर में ये बदलाव साल 2016 के बाद आया, जब Jio ने भारतीय मार्केट में एंट्री की. उससे पहले कंज्यूमर्स को इंटरनेट वाले रिचार्ज प्लान के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होते थे.
हालांकि, अब मार्केट में आपको ज्यादातर बंडल प्लान्स मिलते हैं, जिसमें कॉलिंग और डेटा पर कम फोकस होता है. आपको ज्यादा प्लान्स के साथ डेली 100 SMS और अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग जैसे फीचर्स मिल जाएंगे. आपको अलग-अलग डेली डेटा के हिसाब से पैसे देने होते हैं. यानी कंपनियों का पूरा फोकस डेटा पर है.