Digital India को आज छह साल पूरे हो गए. Digital India को 1 जुलाई 2015 को लॉन्च किया गया था. Digital India के जरिए सरकार अपनी सर्विस सभी नागरिकों को डिजिटली पहुंचाना चाहती है. इसके तहत सरकार ने कई प्लान्स स्टार्ट किए हैं. इस अवसर पर पीएम मोदी ने डिजिटल इंडिया के फायदे और आने वाले प्लान्स के बारे में जानकारी दी.
आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस अवसर पर कहा डिजिटल इंडिया का मतलब है भारतवासी के जीवन को सुलभ और सरल बनाना. गरीबों के अकाउंट खोल उनके बैंक अकाउंट में सीधे पैसे भेजने से बिचौलिए खत्म हो गए. भारत को A.I. और ब्लॉक चैन से आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है.
इस अवसर पर पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अभियान के लाभार्थियों से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा शिक्षा का डिजिटल होना अभी के समय की मांग है. कोरोना ने इसे और तेज कर दिया है. गांव-गांव सस्ते इंटरनेट पहुंचाना ताकि गरीब बच्चें भी इसका फायदा लेकर ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें.
प्रधानमंत्री ने कहा आज का दिन एक राष्ट्र के रूप में मात्र 5 6 वर्ष में काफी तेजी से बढ़े हैं. इसको पूरा करने में हम सभी दिन रात लगे हुए हैं. इनोवेशन का जुनून है तो इसको अडॉप्ट करने का जज्बा भी है. डिजिटल इंडिया भारत का संकल्प है. आत्मनिर्भर भारत की साधना है. 21वीं सदी में ये जयघोष है. सरकार और जनता के बीच, सिस्टम और सुविधाओं के बीच गैप खत्म करना समय की मांग रहा है. डिजिटल इंडिया ने ये कैसे संभव किया है इसका शानदार उदाहरण DigiLocker है. स्कूल सर्टिफिकेट से लेकर दूर जरूरी डॉक्युमेंट्स इसमें सुरक्षित रहते हैं. कोरोना के इस काल में कई शहरों के स्कूल कॉलेज में इसी की मदद से वेरिफिकेशन किया जा रहा है.
बिजली बिल, पानी बिल, इनकम टैक्स भरना काफी आसान और तेज डिजिटल इंडिया से हुआ है. गरीबों को मिलने वाले राशन की डिलीवरी को आसान किया है. एक ही राशन कार्ड पुर्र देश में मान्य है. हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने इसको लेकर जुड़ा फैसला दिया है बाकी दूसरे राज्य को ये मानना पड़ा. डिजिटल इंडिया उनलोगों को सिस्टम से कनेक्ट कर रहा है जिसने कभी इस बारे में सोचा नहीं था. आसान ऋण के लिए स्वनिधि योजना से ये हो पा रहा है. स्वमित्व योजना से जमीनों की ड्रोन मैपिंग की जा रही है. ऑनलाइन पढ़ाई से लेकर दवाई तक में इसकी अहम भूमिका रही है. सबको स्वास्थ्य सुविधा और अच्छी सुविधा के लिए काम कर रहे हैं. दुनिया के सबसे बड़े कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग ऐप आरोग्य सेतु से कोरोना रोकने में मदद मिली है.
कोविड काल में अनुभव हुआ डिजिटल इंडिया ने हमारा काम कितना सरल बना दिया है. कोरोना काल में क्या स्थिति होती अगर ये नहीं होता. ये मध्यम वर्ग और युवाओं की जिंदगी भी बदल दी है. आज टेक्नोलॉजी ना होती तो उनका क्या हाल होता है. बिना सस्ते स्मार्टफोन या नेट के उनके डेली रूटीन में जमीन आसमान का अंतर होता.
डिजिटल इंडिया यानी पारदर्शी व्यवस्था. डिजिटल यानी तेजी से लाभ पूरा लाभ. इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर के स्केल और स्पीड दोनों पर काफी बल दिया गया. गाँव गाँव ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुँचाने की कोशिश की जा रही है.
सभी जगह वाईफाई उपलब्ध करनवाने की कोशिश की जा रही है. देश में सस्ते टैबलेट उपलब्ध करवाने की कोशिश हो रही है. पिछले 5 से 6 साल में 17 लाख करोड़ रुपये सीधे लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर किये गए हैं. कोरोना में बड़े बड़े समृद्ध देश सहायता राशि नहीं भेज पा रहे थे लेकिन भारत भेज रहा था.
फ़ास्ट टैग के आने से ट्रांसपोर्ट आसान हुआ है. GEM से होने वाली खरीद ने पारदर्शिता बढ़ाई है. ये दशक डिजिटल टेक्नोलॉजी काफी बढ़ाने वाला है. भारत की दर्जनों डिजिटल कंपनियां यूनिकॉर्न क्लब में शामिल होगी.
5G टेक्नोलॉजी से बदलाव होने वाला हैं. भारत भी इसकी तैयारी में जुटा है. डेटा पावर हाउस के रूप में भी भारत को इसका एहसास है. डेटा प्रोटेक्शन के लिए भी काम चल रहा है. सिक्योरिटी पर भी ये काम कर रहा है. ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी इंडैक्स में दुनिया के टॉप टेन देशों में भारत भी शामिल हो गया है. हमें मिलकर प्रयास करना होगा.