फेसबुक की इंडिपेंडेंट ओवरसाइट बोर्ड ने फॉर्मर US प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट्स के सस्पेंशन को जारी रखा है. ट्रंप के सोशल मीडिया अकाउंट्स यूएस कैपिटल हिंसा मामले की वजह से करीब चार महीने से सस्पेंडेड है. फॉर्मर प्रेसिडेंट के फेसबुक अकाउंट को सस्पेंड रखने का फैसला बोर्ड ने बुधवार को सुनाया.
हालांकि, बोर्ड ने फेसबुक के नॉर्मल पेनाल्टी के दायरे से बाहर बैन के परमानेंट नेचर की आलोचना भी की है. बीबीसी के मुताबिक, बोर्ड ने फेसबुक को अपने डिसीजन को रिव्यू करने को कहा है. साथ ही ये भी कहा है कि कंपनी ऐसा निर्णय ले जो रेगुलर यूजर्स समेत सभी पर लागू हो.
फॉर्मर प्रेसिडेंट ट्रंप को दोनों ही साइट्स से जनवरी में कैपिटल हिल हिंसा के बाद से ही बैन कर दिया गया था. बैन शुरू में अस्थायी था, लेकिन अगले दिन इसे अनिश्चितकालीन के लिए कर दिया गया था.
ओवरसाइट बोर्ड ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप को परमानेंटली सस्पेंड करने का शुरुआती निर्णय स्टैंडर्डलेस है. जबकि, इसे नियमों के मुताबिक और प्लेटफॉर्म के सभी यूजर्स पर लागू होने वाला होना चाहिए. साथ ही ये भी कहा कि फेसबुक को 6 महीने के अंदर रिस्पॉन्स देना होगा.
फॉर्मर प्रेसिडेंट ट्रंप का ट्विटर अकाउंट भी सस्पेंडेड है. यानी वे फिलहाल किसी भी पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद नहीं हैं. इस बीच उन्होंने मंगलवार को अपने समर्थकों से जुड़ने के लिए एक नया कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है. ये सोशल मीडिया जैसा ना होकर एक ब्लॉग जैसा है. यूजर्स इसके पोस्ट फेसबुक और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर शेयर भी कर सकते हैं.
फेसबुक ओवरसाइट बोर्ड क्या है?
इसे फेसबुक का सुप्रीम कोर्ट भी कहा जाता है. इस बोर्ड को फेसबुक द्वारा किए गए कठिन या विवादास्पद निर्णयों को रिव्यू कर अपना फैसला देने के लिए बनाया गया है. इसे फेसबुक के चीफ मार्क जकरबर्ग द्वारा बनाया गया है. हालांकि, ये इंडिपेंडेंट तौर पर काम करता है. ये बोर्ड पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों और शिक्षाविदों से बना है.