भाविनाबेन पटेल ने शुक्रवार को टोक्यो पैरालंपिक में इतिहास रच दिया. टेबल टेनिस के महिला एकल वर्ग के क्लास-4 राउंड में उन्होंने दुनिया की पांचवीं नंबर की खिलाड़ी सर्बिया की बोरिस्लावा पेरीक रैंकोविक को सीधे सेटों में पराजित करते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया. इसके साथ ही, भाविना ने टोक्यो ओलंपिक में अपना एक मेडल भी पक्का कर लिया है. वह सेमीफाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय टीटी खिलाड़ी बन गई हैं.
34 वर्षीय पैरा एथलीट ने सर्बिया की खिलाड़ी को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में सिर्फ 18 मिनटों में ही 11-5 11-6 11-7 सीधे सेटों में हरा दिया. वह शनिवार को सेमीफाइनल में चीन की झांग मियाओ से भिड़ेंगी, जहां कम-से-कम ब्रॉन्ज मेडल मिलेगा ही. टोक्यो पैरालंपिक टेबल टेनिस में कोई ब्रॉन्ज मेडल के लिए प्ले-ऑफ नहीं है और सेमीफाइनल में हारने वाले दोनों खिलाड़ियों को ब्रॉन्ज मेडल दिया जाता है.
भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो फुटेज में कहा, "यह निश्चित है कि वह एक मेडल लेकर आएंगी ही. कल सुबह का मैच (सेमीफाइनल) एक निर्णायक है कि वह किस रंग का पदक जीतेंगी." साल 2017 में अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) गवर्निंग बोर्ड ने सभी पदक स्पर्धाओं में तीसरे स्थान के प्ले-ऑफ को हटाने और हारने वाले दोनों सेमीफाइनलिस्ट को ब्रॉन्ज मेडल देने के अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ के अनुरोध को मंजूरी दे दी थी.
इससे पहले दिन में, उन्होंने ब्राजील की जॉयस डी ओलिवेरा को 16 के राउंड में 12-10 13-11, 11-6 से हराकर पैरालंपिक में क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं. पटेल ने क्वार्टर फाइनल मैच के बाद कहा था, "मैं भारत के लोगों के समर्थन के कारण अपना सेमीफाइनल मैच जीत सकी हूं. कृपया मेरा समर्थन करते रहें, ताकि मैं अपना सेमीफाइनल मैच जीत सकूं."