भारतीय पहलवान दीपक पुनिया अपने ओलंपिक पदार्पण में कांस्य पदक जीतने के करीब पहुंचे... लेकिन 86 किग्रा के प्ले-ऑफ में सैन मरिनो के माइलेस नज्म अमीन के अंतिम 10 सेकेंड में पटखनी देने से उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
दीपक का रक्षण पूरे मुकाबले के दौरान शानदार था, लेकिन सैन मरिनो के पहलवान ने मुकाबले के अंतिम क्षणों में भारतीय पहलवान का दायां पैर पकड़कर उन्हें गिराकर निर्णायक दो अंक हासिल किए.
इससे पहले 22 साल का भारतीय पहलवान 2-1 से आगे चल रहा था. दीपक अच्छे ड्रॉ का फायदा उठाकर सेमीफाइनल तक पहुंचे, लेकिन अमेरिका के डेविड मॉरिस टेलर से सेमीफाइनल में हार गए.
उन्होंने इससे पहले नाइजीरिया के एकेरेकेमे एगियोमोर को तकनीकी श्रेष्ठता से और फिर क्वार्टर फाइनल में चीन के जुशेन लिन को 6-3 से हराया था.
... भारत का सपना टूटा
भारतीय पहलवान रवि दहिया ने टोक्यो ओलंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता के पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता, लेकिन विनेश फोगाट और दीपक पुनिया का ‘पोडियम’ पर पहुंचने का सपना पूरा नहीं हो पाया.
उम्मीद लगाई जा रही थी कि 23 साल के दहिया देश के सबसे युवा ओलंपिक चैम्पियन बनने में सफल रहेंगे, लेकिन फाइनल में वह रूसी ओलंपिक समिति के मौजूदा विश्व चैम्पियन जावुर युवुगेव से 4-7 से हार गए.
पदक की प्रबल दावेदार विनेश को महिलाओं के 53 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में बेलारूस की वेनेसा कालादजिन्सकाया ने चित करके बाहर किया.
विनेश के पास वेनेसा के मजबूत रक्षण का कोई जवाब नहीं था. वेनेसा ने इसके साथ ही इस साल युक्रेन में भारतीय खिलाड़ी के खिलाफ इसी तरह की शर्मनाक हार का बदला चुकता कर दिया. विनेश ने तब वेनेसा को गिराकर ‘बाय फॉल’ से जीत दर्ज की थी.
बाद में वेनेसा सेमीफाइनल में चीन के क्विन्यु पांग से हार गईं, जिससे विनेश का रेपचेज के जरिए पदक हासिल करने की उम्मीदें भी समाप्त हो गईं. इस तरह से उनके ओलंपिक अभियान का निराशाजनक अंत हुआ.
महाबली सतपाल ने क्या कहा -
रवि दहिया के कोच सतपाल सिंह ने कहा कि सेमीफाइनल में इस पहलवान के 2-9 से पिछड़ने के बाद अपने प्रतिद्वंद्वी को चित करने का प्रदर्शन बेजोड़ है और उनका मानना है कि इस रजत पदक से देश के युवाओं को प्रेरणा मिलेगी. दहिया ने बुधवार को कजाखस्तान के नूरइस्लाम सनायेव के खिलाफ पिछड़ने के बाद शानदार प्रदर्शन किया और अपने प्रतिद्वंद्वी को चित करके फाइनल में जगह बनाई थी.
स्वर्ण पदक के मुकाबले में हालांकि वह रूस के मौजूदा विश्व चैम्पियन जावुर युगुएव से 4-7 से हार गए. महाबली सतपाल ने पीटीआई से कहा, ‘यह देखना अद्भुत और अविश्वसनीय था, क्योंकि मैंने किसी को भी 2-9 से पिछड़ने के बाद केवल एक मिनट में जीतते हुए नहीं देखा.’
उन्होंने कहा, ‘यह मुकाबला भी सुशील के लंदन के सेमीफाइनल जैसा था, जब सुशील ने पिछड़ने के बाद वापसी की थी. वह अविश्वसनीय मुकाबला था और यह (रवि) भी बेहतरीन था.’