Monika Malik India Hockey Player Family Reaction Live: मिडफील्डर मोनिका मलिक India Hockey Player Monika Malik: ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम इतिहास रचने से चूक गई है. अर्जेंटीना के साथ आज खेले गए सेमीफाइनल मैच में भारत महिला हॉकी टीम हार गई है. अर्जेंटीना ने 2 गोल दागे, जबकि भारत सिर्फ एक गोल कर पाया है. हालांकि हमारी बेटियों ने शानदार प्रदर्शन किया. अब ब्रॉन्ज के लिए महिला टीम की टक्कर ग्रेट ब्रिटेन से होगी. खैर आज देश को उन सभी 16 बेटियों पर नाज है, जिन्होंने इतिहास में पहली बार महिला हॉकी टीम को अंतिम-4 में पहुंचाया है.यहां मिडफील्डर मोनिका मलिक के बारे में जानिए.
भारत को सेमीफाइनल में अर्जेंटीना ने 2-1 से हरा दिया. फाइनल में भारतीय महिला हॉकी टीम भले नहीं पहुंची हो लेकिन अभी कांस्य पदक की रेस में बनी हुई है. इसके लिए भारतीय महिला टीम को 6 अगस्त को ग्रेट ब्रिटेन से भिड़ना है.
मोनिका मलिक के पिता चंडीगढ़ पुलिस में ASI थे. मोनिका को उनके दोस्त मोनू के नाम से बुलाते हैं. उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री ली है. इसके अलावा टीम ने जब एशिया कप 2018 जीता था तो वह इसका हिस्सा थीं. वहीं 2014 और 2018 के एशियन गेम्स में महिला टीम ने कांस्य और रजत पदक जीता था. तब भी वह टीम में अहम भूमिका में थीं.
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इस ओलंपिक में भारत की टीम की शुरुआत काफी अच्छी नहीं हो पाई थी. पहले मैच में नीदरलैंड्स ने टीम इंडिया को मात दी, फिर जर्मनी ने 2-0 से टीम इंडिया को हराया. ग्रेट ब्रिटेन ने टीम इंडिया को 4-1 पटकनी दी. लेकिन इसके बाद खेल पलटा.
पहले महिला हॉकी टीम ने आयरलैंड को 1-0 से हराया. फिर आयरलैंड अपने एक अन्य मैच में हार गई. इसी की वजह से भारतीय टीम की एंट्री क्वार्टरफाइनल में हुई. लेकिन क्वार्टरफाइनल में टॉप रैंकिंग वाली टीम ऑस्ट्रेलिया को भारत की बेटियों ने हरा दिया. भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से मात दी और दुनिया को चौंका दिया.
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मोनिका के पिता तकदीर सिंह ने 8वीं कक्षा के दौरान ही उनको हॉकी खेलना शुरू करवा दिया था. पिता पहले चाहते थे कि वह पहलवानी करें, लेकिन मोनिका की रुचि हॉकी में थी, जिसे देख पिता का भी मन बदल गया.
भारतीय महिला हॉकी टीम की मिडफील्डर मोनिका मलिक हरियाणा के सोनीपत जिले के गामड़ी गांव की रहने वाली हैं. बचपन से ही पिता तकदीर सिंह ने उन्हें खेलों के लिए प्रोत्साहित किया था.