मिडफिल्डर नेहा गोयल (फाइल फोटो-PTI) ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम इतिहास रचने से चूक गई है. अर्जेंटीना के साथ आज खेले गए सेमीफाइनल मैच में भारत महिला हॉकी टीम हार गई है. अर्जेंटीना ने 2 गोल दागे, जबकि भारत सिर्फ एक गोल कर पाया है. हालांकि हमारी बेटियों ने शानदार प्रदर्शन किया. अब ब्रॉन्ज के लिए महिला टीम की टक्कर होगी. खैर आज देश को उन सभी 16 बेटियों पर नाज है, जिन्होंने इतिहास में पहली बार महिला हॉकी टीम को अंतिम-4 में पहुंचाया है. आइए इन्हीं बेटियों में से एक नेहा गोयल के बारे में जानते हैं.
भारत की महिला हॉकी टीम भी सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई है. उसे अर्जेंटीना के हाथों 1-2 से हार मिली है. टीम इंडिया अब कांस्य पदक के लिए खेलेगी. महिला टीम से पहले पुरुष टीम भी सेमीफाइनल का मैच हारी थी. उसे बेल्जियम से शिकस्त मिली थी.
भारत और अर्जेंटिना के बीच मैच जारी है. अभी अर्जेंटिना 2:1 से आगे है. सोनीपत में हॉकी प्लेअर नेहा गोयल के परिवार की धड़कनें बढ़ गई हैं. नेहा की मां हाथ में भगवान कृष्ण की मूर्ति लेकर मैच देख रही हैं. (रिपोर्ट- ऐश्वर्या पालीवाल)

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2' Gurjit Kaur you BEAUTTYYYYY! 😍
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She converts India's first Penalty Corner into a goal inside the first two minutes. 💪
🇦🇷 0:1 🇮🇳#ARGvIND #HaiTayyar #IndiaKaGame #Tokyo2020 #TeamIndia #TokyoTogether #StrongerTogether #HockeyInvites #WeAreTeamIndia #Hockey pic.twitter.com/n3Hbxm2O2q
पूर्व हॉकी कप्तान प्रीतम रानी ने महिला हॉकी टीम के मैच से पहले आजतक से की बातचीत,कहा- खिलाड़ियों को कोई प्रेशर नहीं लेना चाहिए | #Hockey #TokyoOlympics #ATVideo | @VikrantGupta73 pic.twitter.com/vvCCQQKHpx
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भारत की बेटियों के सामने आज इतिहास रचकर पहली बार ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने का चांस है. पूरे देश की नज़रें आज टोक्यो में टीम इंडिया पर टिकी हैं और सवा अरब लोगों की दुआएं देश की बेटियों के साथ हैं.
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ऑस्ट्रेलिया को क्वार्टर फाइनल में हरा महिला हॉकी टीम ने इतिहास में किया अपना नाम दर्ज! हॉकी प्लेयर नेहा गोयल के परिवार जनों को पूरी उम्मीद है कि इस बार हॉकी में गोल्ड मेडल लेकर आयेगी टीम। देखिए @AishPaliwal की #ReporterDiary. https://t.co/mf6keLW7vJ#Olympics #TokyoOlympics2020 pic.twitter.com/KD6gq0DQ9p
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टोक्यो ओलंपिक में जब भारतीय महिला हॉकी टीम ने सेमीफाइनल में प्रवेश करके इतिहास रचा तो सोनीपत में खूब जश्न मनाया गया. नेहा की मां ने सावित्री ने कहा था कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है और वह देश के लिए अबकी बार मेडल लेकर आएगी और जब यह मेडल लेकर आएगी तो उसका स्वागत किया जाएगा.
बेटी को आगे बढ़ाने के लिए मां सावित्री फैक्ट्री में काम करने लगीं. इसके बाद नेहा गोयल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. पहली बार 2011 जूनियर विश्व कप के लिए भारत टीम में उनका सलेक्शन हुआ. उस समय नेहा की उम्र महज 14 साल थी. इसके बाद नेहा को अंडर -21 फोर-नेशंस लाल बहादुर शास्त्री महिला हॉकी टूर्नामेंट में चुना गया था. वह 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थीं. उन्हें हॉकी इंडिया मिडफील्डर ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया है.
एक अखबार से बात करते हुए नेहा गोयल ने कहा था कि जब वह छठी कक्षा में थीं, तब उनकी एक सहेली ने उन्हें हॉकी स्टिक थमा दिया था, उसी सहेली ने बताया था कि हॉकी खेलने से मुझे अच्छे जूते, कपड़े पहनने को मिलेंगे. नेहा ने अच्छे कपड़े-जूतों के लिए हॉकी खेलना शुरू किया. एक दिन नेहा को दो हज़ार रुपए का ईनाम मिला, इसके बाद हॉकी उनका जुनून बन गया.
हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली मिडफिल्डर नेहा गोयल कई लोगों के लिए मिसाल हैं. नेहा अपनी मां सावित्री और बहनों के साथ एक साइकिल फैक्ट्री में काम करती थीं. नेहा के पिता के शराब की लत थी और शराब पीने के बाद नेहा के पिता उसकी मां को गाली देते थे. परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी. इस वजह से नेहा ने हॉकी खेलना शुरू किया.