टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics) के 110 मीटर हर्डल रेस में गोल्ड मेडल जीतने वाले हांसले पार्शमेंट (Hansle Parchment) ने इतिहास रचा और दुनिया उनकी दीवानी हो गई. लेकिन अब जब ओलंपिक खत्म हो गया है, तब उन्होंने इस गोल्ड जीतने के पीछे की कहानी बताई. ये सब मुमकिन ना पाता, क्योंकि जिस दिन इस रेस का फाइनल था तब ओलंपिक विलेज में हांसले अपने स्टेडियम का पता ही भूल गए थे और गलत जगह पहुंच गए थे.
हांसले पार्शमेंट ने सोशल मीडिया पर इस पूरे किस्से को साझा किया है, उन्होंने बताया कि जिस दिन फाइनल था वह किसी गलत जगह पहुंच गए थे. और वह मान चुके थे कि रेस में शामिल ना होने के कारण वह सबसे बड़ी जंग हार गए हैं.
लेकिन तभी ओलंपिक विलेज की एक वॉलंटियर ने वहां पर उनकी मदद की. हांसले के मुताबिक, उस वॉलंटियर ने उन्हें टैक्सी के पैसे दिए, सही स्टेडियम का पता बताया. जिसकी वजह से वो वक्त पर स्टेडियम पहुंच पाए और कुछ देर बाद जब वो दौड़े तो ऐसा दौड़े कि गोल्ड मेडल जीत लिया.
हांसले पार्शमेंट ने बताया कि जब सेमीफाइनल का मुकाबला था, तब वह गलत बस में चढ़ गए थे. क्योंकि वह तब म्यूज़िक सुन रहे थे, तब बस में लोग क्या बात कर रहे थे वो पता नहीं लगा. लेकिन बाद में उन्होंने देखा कि बस अलग ही रास्ते पर चल रही थी. बस रुकी तो मालूम पड़ा कि वह एथलेटिक्स स्टेडियम नहीं, बल्कि किसी और जगह आए हैं. जब वो वापस जाने की कोशिश करने लगे, तो काफी दिक्कत आई.
हांसले के मुताबिक, तभी उन्हें एक वॉलंटियर दिखाई दी जिसने उनकी मदद की. उसने टैक्सी का किराया दिया, इस वजह से वो रेस से पहले वहां पर पहुंच पाए. जब हांसले ने रेस में गोल्ड मेडल जीत लिया, उसके बाद उन्होंने उस वॉलंटियर को ढूंढा, उसे गोल्ड मेडल दिखाया और उसके पैसे भी वापस लौटा दिए.
आपको बता दें कि 5 अगस्त को 110 मीटर के हर्डल रेस टूर्नामेंट में हांसले पार्शमेंट ने गोल्ड जीतकर हर किसी को हैरान कर दिया था, उन्होंने वर्ल्ड चैम्पियन ग्रांट होलोवे को मात दी थी.