टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) के डिस्कस थ्रो (Discus Throw) प्रतिस्पर्धा में भारत की कमलप्रीत कौर (Kamalpreet kaur) ने अपने प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया है. अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत उन्होंने फाइनल में जगह बना ली है. कमलजीत ने तीसरे प्रयास में 64 मीटर का थ्रो कर फाइनल में जगह बनाई है. कमलजीत ने अगर यही प्रदर्शन दोहरा दिया तो वह एथलेटिक्स में मेडल लाने वाली पहली भारतीय बन जाएंगी. कमलप्रीत कौर से मेडल की उम्मीद बढ़ गई हैं. कमलप्रीत नेशनल रिकॉर्ड होल्डर हैं.
भारत की कमलप्रीत कौर ने दूसरे प्रयास में 63.97 मीटर का थ्रो किया. पहले प्रयास में उनका थ्रो 60.29 मीटर का था. वह दूसरे स्थान पर हैं. ग्रुप बी के क्वालिफिकेशन राउंड में उन्होंने यह शानदार प्रदर्शन किया. ग्रुप ए के क्वालिफिकेशन राउंड में भारत की सीमा पूनिया छठे स्थान पर थीं.
कौन हैं कमलप्रीत कौर
कमलप्रीत कौर पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले के बादल गांव की रहने वाली हैं. वह खुद कहती हैं कि वह पढ़ाई में कमजोर थीं जिसके बाद उनके कोच ने उनसे एक राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कहा था. वहां उनका प्रदर्शन संतोषजनक रहा था और वह चौथा स्थान हासिल कर पाईं थीं. पढ़ाई में कमजोर होने के चलते कमलप्रीत को लगा कि उन्हें खेल पर ध्यान देना चाहिए जिसके बाद वह खेल के मैदान में उतर गईं.
Tokyo Olympics: कमलप्रीत Discus Throw फाइनल में, सीमा पूनिया चूकीं
2014 से खेल को लेकर हुईं गंभीर
कौर ने साल 2014 से खेल के प्रति दिलचस्पी दिखाई और गंभीर हुईं. उनकी शुरुआती ट्रेनिंग भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) केंद्र में उनके गांव में शुरू हुई. कमलप्रीत की कड़ी मेहनत और जुनून ने रंग लाना शुरू किया. वह 2016 में अंडर-18 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैम्पियन बनीं.
कमलप्रीत के नाम दर्ज है ये रिकॉर्ड
साल 2019 में दोहा में हुए एशियाइ एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में वह पांचवें स्थान पर रहीं थीं. उन्होंने डिस्कस थ्रो में 65 मीटर बाधा पार की और ऐसा करने वाली पहली महिला बनीं. उन्होंने 2019 संस्करण में 60.25 मीटर डिस्कस थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता था.