वेस्टइंडीज के खिलाफ शनिवार को जब टीम इंडिया फिरोजशाह कोटला में दूसरा वनडे खेलने उतरेगी तो जिस एक खिलाड़ी पर सबकी नजर होगी वो है विराट कोहली. इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में फिसड्डी साबित हुए विराट का बल्ला पिछले 8 वनडे मैचों में भी खामोश रहा. वनडे में 50 से अधिक की औसत से खेलने वाले विराट के बल्ले से इस दौरान केवल 109 रन बने हैं. विराट काफी समय से ऑउट ऑफ फॉर्म चल रहे हैं और इस मैच से फॉर्म में वापस आने का उनके पास अच्छा मौका होगा. विराट के इस मैच से फॉर्म में वापसी की बात इसलिए हो रही है क्योंकि मौजूदा भारतीय टीम में वो ही एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने कोटला में शतक लगाया है. 2011 में इंग्लैड के खिलाफ विराट ने इस मैदान पर नाबाद 112 रन बनाए थे.
मौजूदा टीम में विराट के बाद धोनी ने इस मैदान पर सबसे बड़ी पारी खेली है. उन्होंने 2009 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 71 रनों की नाबाद पारी खेली थी. हालांकि इस मैदान पर सात वनडे खेल चुके धोनी ने कुल 170 रन ही बनाए हैं. रविद्र जडेजा को यहां चार पारियां खेलने का मौका मिला लेकिन बल्लेबाजी करने का मौका केवल एक मे मिला. इस एक मात्र पारी में उन्होंने 27 रन बनाए. कुछ ऐसा ही हाल सुरेश रैना का रहा. ये इस मैदान पर खेले गए पांच वनडे में शामिल रहे लेकिन बैटिंग केवल तीन में की. इन तीन पारियों में 31 रनों की सर्वाधिक स्कोर के साथ उन्होंने 64 रन बनाए. जबकि शिखर धवन ने अभी तक कोटला में एक भी अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच नहीं खेला है.
क्या होगी धोनी की रणनीति
बल्लेबाजी के लिए अनुकूल इस पिच पर क्या धोनी टीम में कुछ बदलाव के साथ उतरेंगे? रेगुलर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की अनुपस्थिति में पहले वनडे में अमित मिश्रा को टीम में जगह दी गई थी लेकिन वो थोड़ा भी प्रभावित नहीं कर सके. ऐसे में धोनी के पास विकल्प हैं कि वो कुलदीप यादव को उनका पहला मैच खेलने का मौका दें या फिर पहले वनडे में बल्लेबाजों के घटिया प्रदर्शन को देखते हुए और बिना जोखिम उठाए रविंद्र जडेजा और सुरेश रैना जैसे पार्टटाइम स्पिन गेंदबाजों से काम चलाएं और एक स्पेशलिस्ट बैट्समैन को अंतिम ग्यारह में शामिल करें.
धोनी अगर ऐसा करते हैं तो मुरली विजय को मौका मिल सकता है. निचले क्रम में भी एक आक्रामक बल्लेबाज का कमी लग रही है. कोहली के अलावा रैना पर भी निश्चित तौर पर मैच में खुद को साबित करने का दबाव रहेगा.
सीरीज में वापसी करना चाहेगी टीम इंडिया
वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच मैचों की एकदिवसीय सीरीज के पहले वनडे को 124 रनों के बड़े अंतर से गंवाने के बाद अब टीम इंडिया की जहां कोटला में जीत के साथ सीरीज में वापसी करने पर नजर होगी वहीं दूसरी ओर वेस्टइंडीज टीम कोच्चि एकदिवसीय में मिली बड़ी जीत से बेहद उत्साहित है और कोटला में भी उन्हें बड़े स्कोर की उम्मीद रहेगी.
वेस्टइंडीज टीम ने पहले मैच में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में सबसे अधिक रन बनाने का नया रिकॉर्ड बना दिया. मजेदार यह है कि फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में भी सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के ही नाम है. वेस्टइंडीज ने यह रिकॉर्ड 2011 में हुए वर्ल्ड कप के दौरान नीदरलैंड्स जैसी हल्की टीम के खिलाफ बनाया था.
भारतीय टीम के लिहाज से देखें तो भारत कोटला के मैदान पर 2005 के बाद से कोई मैच नहीं हारा है. तब से भारतीय टीम ने इस मैदान पर सात मैच खेले हैं, जिसमें पांच में उसे जीत मिली है जबकि एक मैच रद्द हो गया और एक मैच बेनतीजा रहा है.