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ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट डेब्यू पर बोले गिल- ऐसा लगा मानो जंग के लिए जा रहा हूं

उभरते हुए भारतीय बल्लेबाज शुभमन गिल ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट पदार्पण करते हुए ऐसा लग रहा था जैसे वह जंग के लिए जा रहे हों...

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Ravi Shastri congratulates Shubman Gill after India's win, Australia v India, 2nd Test (Getty)
Ravi Shastri congratulates Shubman Gill after India's win, Australia v India, 2nd Test (Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 21 साल के शुभमन गिल के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा अच्छा रहा
  • भारत ने चोटों की समस्या से जूझने के बावजूद सीरीज 2-1 से जीती
  • गिल ने सीरीज में दो अर्धशतकों की मदद से 259 रन बनाए

उभरते हुए भारतीय बल्लेबाज शुभमन गिल ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट पदार्पण करते हुए ऐसा लग रहा था जैसे वह जंग के लिए जा रहे हों और वहां से वह यह सबक सीखकर आए कि किसी भी स्थिति में किसी को भी चुका हुआ मत मानो.

21 साल के इस बल्लेबाज के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा अच्छा रहा, जहां उन्होंने चार टेस्ट की सीरीज में दो अर्धशतकों की मदद से 259 रन बनाए. भारत ने चोटों की समस्या से जूझने के बावजूद यह सीरीज 2-1 से जीती.

गिल ने मेलबर्न में दूसरे टेस्ट के दौरान पदार्पण किया जहां से भारत ने सीरीज का रुख बदला, जबकि एडिलेड में पहले दिन-रात्रि टेस्ट में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था.

गिल ने अपनी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की आधिकारिक वेबसाइट पर कहा, ‘जब तक फील्डिंग कर रहा था, तब तक मैं काफी सामान्य था. लेकिन जब बल्लेबाजी की बारी आई और मैं दर्शकों के शोर (ऑस्ट्रेलिया के समर्थन में) के बीच ड्रेसिंग रूम से पिच तक आ रहा था तो यह अलग तरह का अनुभव था. ऐसा लग रहा था जैसे जंग के लिए जा रहा हूं.’

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मैच शुरू होने से पहले मुख्य कोच रवि शास्त्री ने जब गिल को टेस्ट कैप सौंपी, तो उन पर भावनाएं हावी हो गई थीं. गिल इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज में अब तक कोई बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपने ठोस प्रदर्शन से उन्होंने दर्शाया कि आखिर क्यों उन्हें भारतीय क्रिकेट का अगला बड़ा सितारा माना जाता है.

ऑस्ट्रेलिया में पदार्पण के बारे में पूछने पर गिल ने कहा कि यह उनके बचपन के सपने के साकार होने की तरह था.

उन्होंने कहा, ‘जब मैं बच्चा था तो ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच देखने के लिए सुबह साढ़े चार-पांच बजे उठ जाता थ. अब लोग मुझे खेलते हुए देखने के लिए जल्दी उठते हैं, यह शानदार अहसास है. मुझे अब भी याद है कि ऑस्ट्रेलिया में सीरीज को देखने के लिए मेरे पिता और मैं जल्दी उठ जाया करते थे.’

गिल ने कहा, ‘ब्रेट ली को गेंदबाजी या सचिन (तेंदुलकर) सर को बल्लेबाजी करते हुए देखना अलग तरह का अहसास था. अचानक मैं उस टीम में खेल रहा हूं और ऑस्ट्रेलियाई मुझे गेंदबाजी कर रहे हैं.’

यह पूछने पर कि ऑस्ट्रेलिया दौरे से क्या सबक सीखा तो गिल ने कहा, ‘कुछ भी हो, आप किसी भी स्थिति में किसी को भी चुका हुआ नहीं मान सकते. हमारे टीम के इतने सारे खिलाड़ी चोटिल थे, लेकिन फिर भी ड्रेसिंग रूम की सकारात्मकता कभी नहीं बदली.’
 

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