scorecardresearch
 

मैं अब भी बॉस हूं: सुरेश कलमाडी

आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी ने कहा वह अब भी राष्ट्रमंडल खेलों के बॉस हैं जबकि उन्होंने साफ कर दिया कि भ्रष्टाचार के आरोप इस समय उन्हें पद छोड़ने के लिए बाध्य नहीं कर सकते.

Advertisement
X

आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी ने कहा वह अब भी राष्ट्रमंडल खेलों के बॉस हैं जबकि उन्होंने साफ कर दिया कि भ्रष्टाचार के आरोप इस समय उन्हें पद छोड़ने के लिए बाध्य नहीं कर सकते.

कलमाडी ने कहा कि खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन एक चुनौती है जो उन्होंने अपने कंधे पर ली है और पद छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया. उन्होंने इस घारणा को भी गलत बताया कि भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उनके पर कतर दिये गये हैं.

यह पूछने पर कि क्या सरकार के नौकरशाहों की अधिकार प्राप्त समिति के गठन के बाद वह राष्ट्रमंडल खेलों के बास हैं, कलमाडी ने कहा, ‘हां, खेलों का आयोजन मेरी जिम्मेदारी है. यह जारी है.’ उन्होंने कहा, ‘मंत्री समूह मौजूद है. कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की समिति हमेशा से थी. प्रधानमंत्री ने बैठक की और इन सभी समितियों को अधिक कार्यशील होने और अधिक सहयोग देने को कहा. मुझे सरकार से और अधिक समर्थन मिल रहा है और मैं आयोजन समिति का अध्यक्ष हूं.’

Advertisement

कलमाडी ने कहा, ‘राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के प्रमुख माइकल फेनेल आये थे और उन्होंने अच्छी रिपोर्ट दी. इसलिए मैं हालातों के कारण इन सबका स्वागत करता हूं.’ तीन से 14 अक्तूबर तक होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से पहले भ्रष्टचारों के आरोपों और निर्माण कार्य में विलंब से काफी विवाद पैदा हुआ लेकिन कलमाडी ने कहा कि चीजें अब नियंत्रण में हैं और उनकी टीम ‘सफल और पारदर्शी’ खेल कराने में सक्षम है.

{mospagebreak}उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि क्यों ये सारे अभियान शुरू हुए. पिछले लगभग 15 दिन पहले तक सब कुछ ठीक था. सभी विदेशी मुल्क कह रहे थे कि खेल अच्छे होंगे. खेलों के बाद मैं किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हूं.’ कलमाडी ने कहा, ‘हमारी तैयारी दांव पर है और इतने वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद मैं इस तरह से पीछे नहीं हटना चाहता. यही कारण है कि मैं जांच चाहता हूं.’

यह पूछने पर कि क्या आरोपों के बीच उनके मन में इस्तीफा देने का ख्याल आया, कलमाडी ने कहा, ‘नहीं, यह चुनौती है जो मैंने ली है. जब हमने दावेदारी जीती थी तब मैंने सीजीएफ को वादा किया था कि हम सफल खेलों का आयोजन करेंगे. इसलिए इस तरह के विचार मन में आने का सवाल ही नहीं उठता.’ कलमाडी ने हालांकि कहा कि मीडिया में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद अपनी टीम का मनोबल बढ़ाने में उन्हें परेशानी हुई.

Advertisement

यह पूछने पर कि क्या खेलों का नकारात्मक प्रचार राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है जिसे पार्टी के उनके साथियों ने खड़ा किया है, कलमाडी ने कहा, ‘मैं कुछ नहीं कहना चाहता, उन्हें कहने दीजिए. मैं प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता. मैं सुनिश्चित करूंगा कि खेलों का आयोजन अच्छे से हो जाये.’

{mospagebreak}कलमाडी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने हमें काफी सहयोग दिया है. इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है. हमारा ध्यान केंद्रित है. अगले एक महीने मैं पूरा एकाग्र रहूंगा और कोई मेरा ध्यान नहीं भटका सकेगा.’ यह पूछने पर कि 2003 में दावेदारी जीतने के बाद काफी कुछ अंतिम समय के लिए नहीं छोड़ दिया गया. कलमाडी ने कहा, ‘शुरूआत में स्वीकृति लेने का मुद्दा था. काम शुरू करने के लिए सर्टिफिकेट लेने की जरूरत थी. आपको एमसीडी, एनडीएमसी और कई अन्य एजेंसियों के पास जाना था. इसके अलावा पर्यावरण से जुड़े मुद्दे थे और इसके बाद कुछ लोग अदालत चले गये. इन सब में समय लगता है.’

कलामाडी ने भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया और कहा कि उनका काम सफल खेलों का आयोजन है. उन्होंने कहा, ‘हमें खेलों का सफल आयोजन करना है और मैं यही कर रहा हूं. यह मेरी सबसे अहम जिम्मेदारी है. इसके बाद जांच होगी और फिर देखते हैं किसने क्या किया है.’ उन्होंने कहा, ‘सभी आरोपों को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया. जैसे कि टायलेट पेपर के लिए 4000 रुपये, क्या यह संभव है. यह सब गलत आरोप हैं.’

Advertisement

ओलंपिक और एशियाई खेलों जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं के लिए भविष्य में भारत की दावेदारी प्रभावित होने के सवाल पर कलमाडी ने कहा, ‘सभी खेलों के लिए कुछ आरोप लगना सामान्य बात है.’

Advertisement
Advertisement