सुरेश कलमाडी ने भ्रष्टाचार के आरोपों को देखते हुए राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की संभावना से इनकार कर दिया लेकिन कहा कि अगर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह या सोनिया गांधी कहें तो वह पद छोड़ने को तैयार हैं.
कलमाडी ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता खेलों का सफल आयोजन हैं और वह ‘अपनी जिम्मेदारी से नहीं भागेंगे’ लेकिन अगर उनके खिलाफ कुछ सामने आता है तो वह प्रतियोगिता के बाद पद छोड़ देंगे. उन्होंने कहा, ‘अगर मेरे नेता और आईओए मुझे नहीं चाहते तो मैं पद छोड़ने को तैयार हूं, अगर मैंने कुछ गलत किया है तो. लेकिन मैं आपसे कह दूं कि कुछ भी गलत नहीं किया गया. जांच रिपोर्ट आने दीजिए.
इसमें शर्मसार होने की कोई बात नहीं है.’ यह पूछने पर कि अनुबंध ममाले में लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद क्या हव अब इस्तीफा देंगे, कलामाड़ी ने कहा कि इसकी जगह वह दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा, ‘अगर कुछ काम गलत पाये जाते हैं तो निश्चित तौर पर मैं उसे नहीं बख्शूंगा जो इसके लिए दोषी है. मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं है, यह किसी और के खिलाफ हैं.’
लंदन में क्वीन्स बेटन रिले के दौरान सेवा मुहैया कराने वाली ब्रिटेन की कंपनी को लाखों पौंड के भुगतान को उचित साबित करने के लिए सार्वजनिक किये गये भारतीय उच्चायोग के ईमेल के साथ ‘छेड़छाड़’ के बारे में पूछने पर कलमाड़ी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि मेल प्रामाणिक हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने टीएस दरबारी को ईमेल दिखाने को कहा था और उन्होंने मुझे वह ईमेल दिखाये. हो सकता है कि मुझे गुमराह किया गया हो. मैं कोई तकनीकी विशेषज्ञ नहीं हूं जो मुझे पता हो कि वे असली हैं. जांच समिति इस सब पर गौर करने के बाद बताएगी.’ {mospagebreak}
आईओए प्रमुख ने कहा, ‘मंत्रालय ने मुझे अलग ईमेल दिये. मैंने कहा कि मैं तकनीकी विशेषज्ञ नहीं हूं. उन्होंने छेड़छाड़ या फर्जीवाड़े का जिक्र नहीं किया. जांच के बाद ही पता चलेगा कि वे फर्जी थे या नहीं.’ कलमाड़ी ने हालांकि दरबारी का बचाव किया और जोर देकर कहा है कि भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद निलंबित इस अधिकारी ने पद पर बने रहते हुए अच्छा काम किया.
उन्होंने कहा, ‘दरबारी को काफी चीजों का ध्यान रखना होता था लेकिन उन्होंने अच्छा काम किया. वह कुशल अधिकारी है. वह काफी मददगार रहा.’ कलमाड़ी ने हालांकि कहा कि अगर दरबारी क्वीन्स बेटन रिले में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों में दोषी पाये जाते हैं तो वह उन्हें नहीं बचाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे वित्तीय अनियमितताएं दिखती है तो मैं किसी एक व्यक्ति को नहीं बचाउंगा. ऐसा कोई पत्र नहीं है जिसमें कहा गया है कि दरबारी (सीमा शुल्क मामले में) दोषी हैं. इस मामले की जांच चल रही है और जैसे ही जांच पूरी होगी मैं आपको बताउंगा.’