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दिनेश कार्तिक को छोड़ बाकी क्रिकेटरों से नफरत करती हूं: दीपिका पल्लिकल

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा, पीवी सिंधू और स्क्वाश खिलाड़ी दीपिका पल्लिकल को ऐसा लगता है कि इनकी सराहना उपलब्धियों के मुकाबले कम होती है. तीनों ही दिग्गज खिलाड़ियों को ऐसा लगता है कि देश में क्रिकेट जैसे खेलों की तुलना में बाकी खेलों के साथ सौतेला व्यवहार होता है. वहीं दीपिका ने ये भी कहा कि वो दिनेश कार्तिक के अलावा बाकी क्रिकेटरों से नफरत करती हैं.

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दीपिका पल्लिकल
दीपिका पल्लिकल

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा, पीवी सिंधू और स्क्वाश खिलाड़ी दीपिका पल्लिकल को ऐसा लगता है कि इनकी सराहना उपलब्धियों के मुकाबले कम होती है. तीनों ही दिग्गज खिलाड़ियों को ऐसा लगता है कि देश में क्रिकेट जैसे खेलों की तुलना में बाकी खेलों के साथ सौतेला व्यवहार होता है. वहीं दीपिका ने ये भी कहा कि वो दिनेश कार्तिक के अलावा बाकी क्रिकेटरों से नफरत करती हैं.

इंडिया टुडे वुमन समिट के सेशन 'What a racket - The String Quintet' में पहुंची इन तीनों दिग्गज खिलाड़ियों ने भारत का सिर ऊंचा किया है. इस दौरान ज्वाला गुट्टा ने कहा, 'हम थोड़े ऐक्नॉलेजमेंट और रिस्पेक्ट की उम्मीद करते हैं. अगर हम यहां पैसे कमाने आए होते तो बैडमिंटन और स्क्वाश की जगह कोई और खेल भी चुन सकते थे.'

ज्वाला ने कहा कि इंटरनेशनल चैंपियन छोड़िए, जब आप राष्ट्रीय चैंपियन बनते हैं तो आपको कई चीजों से डील करना पड़ता है. उन्होंने कहा, 'चीन में खिलाड़ी जब से रैकेट उठाते हैं और जबतक खेलते हैं तब तक उनका पूरा ध्यान रखा जाता है. मुझे हैरानी इस बात की होती है कि क्यों हमारे पास बस एक साइना और बस एक सिंधू है. क्यों हमारे पास चीन जैसे 10-10 चैंपियन नहीं हैं? मैंने सुना है कि सरकार ने बैडमिंटन असोसिएशन को बड़ी राशि दी है, लेकिन वो पैसे कहां जा रहे हैं?'

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ज्वाला से उनके और बैटमिंटन असोसिएशन के बीच विवाद के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैंने तब ही कुछ कहा था जब खराब चीजें हुई थीं, मुझे लाइफ-टाइम बैन की धमकी दी गई थी. मुझे लगता है कि सच्चाई से आपको ताकत मिलती है.' ज्वाला ने कहा कि बाकी खेलों का भी क्रिकेट की तरह ही प्रमोशन होना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'बीसीसीआई ने जिस तरह से क्रिकेट को प्रमोट किया वो तारीफ के काबिल है. क्रिकेट महज 12 देशों में खेला जाता है, बाकी खेल संस्थाओं को भी बीसीसीआई से कुछ सीखना चाहिए.'

दीपिका पल्लिकल ने कहा कि खेलों में महिलाओं को लेकर भेदभाव होता है. उन्होंने कहा, 'मेरी मां इंडियन क्रिकेट टीम की कैप्टन थीं. जब उनकी टीम वेस्टइंडीज के दौरे पर गई थी तो 15 खिलाड़ियों को एक ही रूम में ठहराया गया था.'

उन्होंने कहा, 'दिनेश कार्तिक को छोड़कर मुझे बाकी सभी क्रिकेटरों से नफरत है क्योंकि उन्होंने सारी लाइमलाइट और एंडॉर्समेंट्स चुरा लिए हैं.' उन्होंने बताया कि इंडियन ओलंपिक असोसिएशन से कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए टीए डीए का अभी उनका पूरा भुगतान नहीं हुआ है. उन्होंने ये भी कहा, 'जब मुझे 14 साल की उम्र में ट्रेनिंग के लिए भारत छोड़ना पड़ा तो मिस्र में मुझे बहुत अकेलापन लगता था. लेकिन मैं सबको गलत साबित करना चाहती थी. ऐसे अनुभवों ने मुझे मजबूत बनाया.'

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