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सचिन तेंदुलकर से अच्छा खिलाड़ी था अनिल गुरव, लेकिन भाई ने चौपट कर दिया करियर

सचिन तेंदुलकर को जब सर आचरेकर क्रिकेट खेलना सिखा रहे थे तब एक लड़का सचिन से भी अच्छा क्रिकेट खेलता था, जिसे रमाकांत आचरेकर सचिन से बेहतर खिलाड़ी मानते थे और उसे विव रिचर्ड्स कहकर बुलाते थे. लेकिन इस लड़के के भाई ने उसकी राह में ऐसा रोड़ा अटकाया कि उसका करियर वहीं थम गया.

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अनिल गुरव
अनिल गुरव

सचिन तेंदुलकर को जब सर आचरेकर क्रिकेट खेलना सिखा रहे थे तब एक लड़का सचिन से भी अच्छा क्रिकेट खेलता था, जिसे रमाकांत आचरेकर सचिन से बेहतर खिलाड़ी मानते थे और उसे विव रिचर्ड्स कहकर बुलाते थे. लेकिन इस लड़के के भाई ने उसकी राह में ऐसा रोड़ा अटकाया कि उसका करियर वहीं थम गया. इत्तेफाक की बात ये है कि इस लड़के के भाई का नाम भी अजित है और सचिन के भाई के नाम भी अजित है.

सचिन के साथ खेलने वाले इस लड़के का नाम था अनिल गुरव. अनिल अब ज्यादातर शराब के नशे में रहते हैं और मुंबई के नालासोपारा की एक चॉल में गुमनामी की जिंदगी बिता रहे हैं.

आचरेकर की पहली पसंद सचिन नहीं, अनिल था!
भीड़ में गुम हो चुका अनिल गुरव एक जमाने में सचिन तेंदुलकर के गुरु रमाकांत आचरेकर की पहली पसंद हुआ करते थे और सर उसे विव रिचर्ड्स के नाम से बुलाते थे. आज अनिल को देखकर शायद आपको यकीन ना हो, मगर अनिल की बैटिंग देखने के लिए लोग अपना काम छोड़कर मैदान में पहुचते थे. आज वही अनिल गुरव गुमनामी के अंधेरे में हैं. जब सचिन ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की, तब वो अनिल गुरव की तरह क्रिकेट खेलने की कोशिश करते थे. खुद गुरु आचरेकर ने सचिन को अनिल गुरव का खेल देखने और उनसे सीखने की सलाह दी थी.

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सचिन ने अनिल के बैट से लगाई थी पहली सेंचुरी
इंटरनेशनल मैचों में शतकों का शतक लगाने वाले सचिन तेंदुलकर भी अनिल गुरव के कायल थे. सचिन ने अंडर 14 के अपने पहले मैच के लिए अनिल के बैट का इस्तेमाल किया था. इतना ही नहीं सचिन ने अपनी जिंदगी का पहला शतक भी अनिल के ही बैट से लगाया था. अनिल गुरव बताते हैं, 'सचिन शर्मा रहा था.. मैंने कहा, लेके जा बैट, उस बैट से उसने जिंदगी की पहली सेंचुरी लगाई.'

आचरेकर ने अनिल की मां से कहा था, अनिल आपका भविष्य बदल देगा
सचिन के गुरु रमाकांत आचरेकर को पूरा विश्वास था कि अनिल गुरव एक दिन बड़ा खिलाड़ी बनेगा. यही वजह थी कि आचरेकर खुद अनिल को अपनी स्कूटर पर बैठाकर मैदान में लेकर जाते और नेट पर अभ्यास कराते थे. अनिल ने कहा, 'वे मुझे आजाद मैदान से लेकर बंगाल ग्राउंड तक ले जाते थे स्कूटर पर बैठाकर. वहां जाकर नेट प्रैक्टिस. सर ने मेरे लिए बहुत किया.'

अनिल की मां को गुरु रमाकांत ने कहा था कि उनकी जिंदगी में जल्दी ही खुशियां आने वाली हैं. खुद अनिल की मां सुमित्रा गुरव ने बताया कि आचरेकर जी कहते थे, माताजी आप चिंता मत करो, अनिल आपका भविष्य बदल देगा.

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करियर की तबाही के लिए भाई जिम्मेदार
अनिल का करियर उस दौर में तेजी से आगे बढ़ रहा था. लेकिन अनिल की जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आया, जिसने उसके क्रिकेट करियर को हमेशा के लिए खत्म कर दिया. अनिल के मुताबिक, उसका छोटा भाई अजित गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हो गया था. इसकी वजह से अनिल की जान पर खतरा मंडराने लगा. पुलिस भी उन्हें परेशान करने लगी. ऐसे में उसने मैदान में जाना ही छोड़ दिया.

पैसों के लिए गया नाइट क्रिकेट में
अनिल गुरव ने इसके बाद पैसों के लिए टेनिस क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया. गुरु आचरेकर ने उन्हें इसके लिए कई बार मना भी किया था. अनिल खुद स्वीकारते हैं कि टेनिस की बॉल से खेली जाने वाली नाइट क्रिकेट उनके जीवन की सबसे बड़ी भूल थी.

शराब पीने पर सर ने डांटा था
आज अनिल गुरव ज्यादातर शराब के नशे में धुत्त रहते हैं. कुछ सालों पहले जब गुरु रमाकांत की उनसे मुलाकात हुई तो उन्होंने इसके लिए अनिल को डांटा भी था. अनिल ने बताया कि जब आचरेकर सर मिले तो उन्होंने कहा, ' मैंने तुम्हे क्रिकेट खेलना सिखाया था, पीना नहीं.' अब वो गुरु से माफी मांगते हैं.

सचिन ने अनिल को तुरंत पहचान लिया
अनिल गुरव सचिन के कायल हैं. कुछ साल पहले अनिल अपने क्रिकेटर दोस्त किरण मांजरेकर के साथ एक जिमखाना में सचिन को देखने पहुंचे तो उन्हें डर था कि शायद सचिन उन्हें पहचानेंगे नहीं. पुलिस के बंदोबस्त के चलते अनिल सचिन के नजदीक भी नहीं पहुच पाए, लेकिन सचिन ने एक नजर पड़ते ही अनिल को फौरन पहचान लिया और उन्हें अपने पास बुलाया. अनिल गुरव उस याद को ताजा करते हुए कहते हैं, 'मुझे देखते ही बोला, अनिल, कितने दिनों बाद? घर आओ मिलने.'

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