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अपने लिये भारतीयों के जज्बात देखकर हैरान हैं शूमाकर

सात बार के चैंपियन फॉर्मूला वन स्टार माइकल शूमाकर भारत में उनके क्रेज और भारतीयों के उनके प्रति जज्बात को देखकर हैरान हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि भारत में उन्हें इतना प्यार मिलेगा.

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माइकल शूमाकर
माइकल शूमाकर

सात बार के चैंपियन फॉर्मूला वन स्टार माइकल शूमाकर भारत में उनके क्रेज और भारतीयों के उनके प्रति जज्बात को देखकर हैरान हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि भारत में उन्हें इतना प्यार मिलेगा.

मौजूदा सत्र के बाद फॉर्मूला वन को अलविदा कहने जा रहे मर्सीडीज के इस जर्मन ड्राइवर ने कहा, ‘भारत में मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा है. मुझे यहां आकर पता चला कि यहां मेरे कितने प्रशंसक हैं. अपने लिये उनके जज्बात देखकर मैं हैरान हूं.’

उन्होंने कहा, ‘हर जगह कोई ना कोई चीज आकर्षित करती है लेकिन भारत में कई चीजें है जिन्होंने मेरा ध्यान खींचा. यह देखकर अच्छा लगा कि फॉर्मूला वन को लेकर भारत में लोग उतने ही उत्साहित हैं जितना कि मैं.’

पिछले साल के अनुभव के बारे मे पूछने पर उन्होंने कहा कि पहली रेस में इस तरह का क्रेज दुनिया में कही देखने को नहीं मिला था.

पिछले साल इंडियन ग्रां प्री में पांचवें स्थान पर रहे मर्सीडीज के इस अनुभवी ड्राइवर ने कहा, ‘पिछले साल मैं पहली बार भारत आया. बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट मुझे बहुत अच्छा लगा और सबसे यादगार बात तो यह रही कि पहले ही सत्र में इतनी भारी तादाद में दर्शक रेस देखने के लिये जुटे. ऐसा मैने दुनिया की किसी रेस में नहीं देखा.’

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फॉर्मूला वन से 2006 में संन्यास लेने के बाद फेरारी के ड्राइवर रहे शूमाकर ने 2010 में मर्सीडीज के साथ वापसी की. उन्होंने 1994 और 1995 में बेनेटन के साथ खिताब जीता था जबकि 2000 से 2004 तक फेरारी के लिये चैंपियनशिप जीती.

दूसरी पारी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ साल कठिन रहे. जब नतीजे अपेक्षित नहीं मिलें तो दुख होता है. एक ड्राइवर के तौर पर मैं अब भी शीर्ष स्तर पर मुकाबला करने में सक्षम हूं लेकिन एक टीम के रूप में हम नाकाम रहे.’

उन्होंने हालांकि कहा कि वापसी के फैसले का उन्हें कोई मलाल नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि वापसी के बाद के प्रदर्शन से मेरी साख गिरी है बल्कि इससे मैं और परिपक्व ड्राइवर बना हूं. वापसी के बाद मैंने अपनी गलतियों से सबक लिया है और मैं बेहतर ड्राइवर के रूप में उभरा हूं. अब मैं चीजों को व्यापक नजरिये से देख सकता हूं.’

उन्होंने इस बात से इनकार किया कि अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने की वजह फिटनेस थी.

उन्होंने कहा, 'मेरे पूरे करियर में फिटनेस को लेकर कोई समस्या नहीं रही. जहां तक प्रदर्शन की बात है तो मुझे पता है कि मेरी कार कितनी सक्षम है और उसी के मुताबिक मैं लक्ष्य तय कर सकता हूं.’

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भावी योजनाओं के बारे में पूछने पर शूमाकर ने कहा कि अभी उन्होंने कुछ सोचा नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘फिलहाल मेरा ध्यान बाकी चार रेस पर लगा हुआ है. मैने भविष्य के बारे में अभी कुछ सोचा नहीं है लेकिन यह तय है कि इस बार संन्यास से वापस नहीं लौटूंगा.’

वहीं शूमाकर के साथी ड्राइवर निको रोसबर्ग ने कहा कि पिछली दो रेस में उनका प्रदर्शन भले ही अच्छा नहीं रहा हो लेकिन वह बाकी की चार रेस में अधिकतम अंक जुटाने की कोशिश करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘इस सत्र में हम अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके. अभी चार रेस बाकी है और हम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके अच्छे अंक हासिल करने की कोशिश करेंगे.’

उन्होंने बीआईसी के बारे में कहा, ‘यह बेहद दिलचस्प ट्रैक है और इस पर ड्राइव करना मजेदार अनुभव है. इसमें लो स्पीड कॉर्नर और लंबे फास्ट स्ट्रेट हैं. लेकिन हर साल पिछले की तुलना में अलग होता है. इस बार हमारे टायर भी अलग है लिहाजा शुक्रवार को पहले प्रयास के बाद ही पता चल सकेगा कि हम कहां ठहरते हैं.’

रोसबर्ग ने अप्रैल में चाइनीज ग्रां प्री में जीत दर्ज की थी. ड्राइवरों की सूची में वह सातवें और शूमाकर 14वें स्थान पर हैं. टीम कंस्ट्रक्टर्स सूची में 136 अंक के साथ पांचवें स्थान पर है.

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टीम प्रिंसिपल रोस ब्रान ने कहा, ‘हमने तकनीकी पहलुओं पर काफी मेहनत की है. अगले सत्र में हम और मजबूती से उतरेंगे. टीम के ड्राइवरों ने भी रिसर्च में काफी योगदान दिया है जिससे बेहतर एसएलएस कार बन सकी है.’

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