दोहा में खेली गई वर्ल्ड ब्लिट्ज चैम्पियनशिप में शतरंज के दिग्गज मैग्नस कार्लसन ने एक बार फिर अपनी बादशाहत साबित कर दी. नॉर्वे के इस ग्रैंडमास्टर ने रिकॉर्ड बढ़ाते हुए नौवीं बार वर्ल्ड ब्लिट्ज खिताब अपने नाम किया. खिताब जीतने के बाद कार्लसन ने माना कि इस बार का टूर्नामेंट बेहद चुनौतीपूर्ण रहा और शुरुआती दौर में झटकों के बावजूद किस्मत भी उनके साथ रही.
दुनिया के नंबर-1 खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन ने अपने शानदार एंडगेम कौशल का प्रदर्शन करते हुए खिताबी मुकाबले में उज्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव को 2.5–1.5 से हराया. इससे पहले कार्लसन ने पिछले हफ्ते वर्ल्ड रैपिड चैम्पियनशिप का स्वर्ण पदक भी जीता था और इस तरह उन्होंने रैपिड के बाद ब्लिट्ज का ताज पहनकर टूर्नामेंट को यादगार बना दिया.
The definition of insanity is doing the same thing over and over and expecting different results.
— Magnus Carlsen (@MagnusCarlsen) December 30, 2025
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खास बात यह रही कि शुरुआती राउंड्स में उतार-चढ़ाव से गुजरने के बावजूद कार्लसन ने निर्णायक मुकाबलों में जबरदस्त वापसी की. अनुभव और मानसिक मजबूती के दम पर उन्होंने एक बार फिर साबित किया कि बड़े मंच पर दबाव में उनका खेल और निखर जाता है.
भारतीय शतरंज प्रेमियों के लिए टूर्नामेंट मिला-जुला रहा. भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगैसी ने 19 राउंड के क्वालिफिकेशन (स्विस फॉर्मेट) में शानदार प्रदर्शन करते हुए सबका ध्यान खींचा. हालांकि सेमीफाइनल में उनका खेल बिखर गया और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.
इसके बावजूद एरिगैसी का प्रदर्शन भारत के उभरते शतरंज भविष्य की झलक देता है. लगातार मजबूत नतीजों के साथ उन्होंने यह दिखा दिया है कि वे विश्व स्तर पर बड़े खिताब के दावेदार बनते जा रहे हैं.
कुल मिलाकर, दोहा में आयोजित यह वर्ल्ड ब्लिट्ज चैम्पियनशिप मैग्नस कार्लसन की महानता को और मजबूती देने वाला टूर्नामेंट साबित हुआ, वहीं अर्जुन एरिगैसी जैसे युवा सितारों ने भी यह संकेत दे दिया कि आने वाले समय में विश्व शतरंज में भारत की मौजूदगी और मजबूत होने वाली है.