मैग्नस कार्लसन एक शतरंज ग्रैंडमास्टर हैं. वे 1 जुलाई 2011 से FIDE विश्व शतरंज रैंकिंग में नंबर 1 रहे. उनकी सर्वश्रेष्ठ रेटिंग 2882 है, जो शतरंज इतिहास में सबसे अधिक है. उन्होंने क्लासिकल शतरंज के एलीट स्तर पर 125 मुकाबलों की सबसे लंबी रिकॉर्ड जीत का एक सीरीज भी बनाया है.
मैग्नस कार्लसन नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट 2025 में जीत हासिल की. भारत के डी गुकेश ने नॉर्वे शतरंज 2025 के छठे राउंड में मैग्नस कार्लसन को मात दी थी, लेकिन 10वें राउंड में अर्जुन एरिगैसी के खिलाफ बाजी ड्रॉ कराकर मैग्नस कार्लसन ने यह टूर्नामेंट जीत लिया. अमेरिकी ग्रैंडमास्टर फैबियानो कारूआना दूसरे और विश्व चैंपियन डी गुकेश को तीसरे स्थान पर रहे.
मैग्नस कार्लसन का जन्म 30 नवंबर 1990 को नॉर्वे के टॉन्सबर्ग शहर में हुआ था. बचपन से ही उनकी स्मरण शक्ति असाधारण थी. मात्र 2 साल की उम्र में ही उन्होंने सभी देशों की राजधानियाँ और उनकी झंडियों को पहचानना सीख लिया था. शतरंज की ओर उनका झुकाव मात्र 5 वर्ष की उम्र में हुआ, जब उनके पिता ने उन्हें यह खेल सिखाया.
13 साल की उम्र में उन्होंने ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल कर लिया, जो उस समय उन्हें दुनिया के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर्स में से एक बनाता था। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
2013 में कार्लसन ने विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद को हराकर विश्व शतरंज चैंपियन का खिताब हासिल किया. इसके बाद उन्होंने 2014, 2016, 2018 और 2021 में भी इस खिताब को बनाए रखा.
उन्होंने 2014 में अपना खुद का मोबाइल ऐप "Play Magnus" लॉन्च किया, जिससे लोग उनके खेल के स्तर पर अभ्यास कर सकते हैं. वे शतरंज के डिजिटलाइजेशन और प्रचार-प्रसार के सबसे बड़े चेहरों में से एक हैं. उन्होंने शतरंज की लोकप्रियता को मुख्यधारा में लाने के लिए कई ऑनलाइन टूर्नामेंट और इनोवेशन में भाग लिया.
डी गुकेश ने नॉर्वे शतरंज 2025 के छठे राउंड में मैग्नस कार्लसन को मात दी थी, लेकिन 10वें राउंड में अर्जुन एरिगैसी के खिलाफ बाजी ड्रॉ कराकर मैग्नस कार्लसन ने यह टूर्नामेंट जीत लिया है. अमेरिकी ग्रैंडमास्टर फैबियानो कारूआना दूसरे और विश्व चैंपियन डी गुकेश को तीसरे स्थान पर रहे.
भारत के डी गुकेश को नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट 2025 में आखिरी राउंड में फैबियानो कारूआना के हाथों हार का सामाना करना पड़ा. इस मुकाबले में उन्होंने एक बड़ी गलती कर दी, जिसके चलते उनकी जीत की उम्मीदें समाप्त हो गईं.
यह गुकेश के लिए कमबैक विन रही, जो नॉर्वे चेस के पहले दौर में काले मोहरों से खेलते हुए मैग्नस कार्लसन से हार गए थे- यह छह खिलाड़ियों की राउंड-रॉबिन प्रतियोगिता है. नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में दो वर्षों में यह दूसरी बार है जब किसी युवा भारतीय खिलाड़ी ने क्लासिक फॉर्मेट में कार्लसन को हराया है. पिछले साल आर. प्रग्गनानंदा ने उन्हें इसी टूर्नामेंट में मात दी थी.