
Malvika Bansod overtakes Saina Nehwal: उदीयमान शटलर मालविका बनसोड ने ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जिसे भारतीय बैडमिंटन जगत के लिए मील का पत्थर माना जा सकता है. नागपुर की रहने वाली 21 साल की मालविका वर्ल्ड रैंकिंग में और मजबूत बनकर उभरी हैं. दरअसल, वह पीवी सिंधु के बाद भारत की दूसरी सर्वश्रेष्ठ महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं हैं. मालविका अब स्टार प्लेयर साइना नेहवाल से भी आगे निकल चुकी हैं.
मालविका ने हाल ही में जारी बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) रैंकिंग में 32वां स्थान हासिल किया है. उनके करियर की यह सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है. मालविका पिछले कुछ हफ्तों से 34वें स्थान पर थीं और अब उन्होंने 37,310 अंकों के साथ साइना नेहवाल (3,6920 अंक) को पछाड़ दिया है. BWF रैंकिंग में साइना अब 33वें स्थान पर हैं, जबकि पीवी सिंधु (81438 अंक) छठे स्थान पर काबिज हैं और वह महिला भारतीय शटलर्स में शीर्ष पर हैं.
मालविका बनसोड ने अपनी इस उपलब्धि पर 'आजतक' से कहा, 'ये मेरे लिए बेहद गर्व की बात है. यहां तक आना मेरे लिए बिल्कुल आसान नहीं था. जितनी मेहनत मैंने की है, उतनी ही मेरे पेरेंट्स ने भी की है. मेरे मम्मी-पापा दोनों डॉक्टर हैं... इसके बावजूद उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया, चाहे वह प्रेक्टिस सेशन हो या मैच... उनकी मौजूदगी से काफी बल मिला. साथ ही वो मेरी फिटनेस का पूरा ख्याल रखते हैं. कोच संजय सर के मार्गदर्शन से मुझे काफी हौसला मिला.'
9 साल की उम्र में ही थाम लिया था रैकेट
मालविका का बैडमिंटन की और रुझान बचपन में ही हो गया था. वह कहती है,. 'मैंने 9 साल की उम्र में ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था. मेरी मम्मी हमेशा चाहती थीं कि मैं फिट रहूं. मेरे दादाजी भी बैडमिंटन और टेनिस प्लेयर रह चुके हैं. मैंने बैडमिंटन को प्रोफेशनली 11 साल की उम्र में शुरू कर दिया था. लगातार ट्रेनिंग हासिल कर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अच्छा किया.'

उल्लेखनीय है कि मालविका ने महज 20 साल की उम्र में ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल को हराया था. उन्होंने सिर्फ 34 मिनट में साइना को मात दी थी. मालविका इसे अपने करियर की सबसे बड़ी जीत मानती हैं. अब पीवी सिंधु के बाद मालविका ऐसी दूसरी भारतीय हैं, जिन्होंने साइना को अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन सर्किट में कोर्ट पर हराया है. मालविका अब अपनी रैंकिंग को और पुख्ता बनाते हुए शीर्ष पर काबिज होना चाहती हैं.
'साइना नेहवाल मेरी रोल मॉडल'
मालविका अपना आदर्श साइना नेहवाल को ही मानती हैं. उन्होंने कहा, 'साइना मेरी रोल मॉडल रही हैं और उनकी जगह लेना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है. मैं पीवी सिंधु से आगे निकलना चाहती हूं. जब साइना और सिंधु टॉप-10 प्लेयर्स में थीं, तब मैंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया था. उस वक्त मैंने ऐसा कुछ सोचा भी नहीं था. तब यूं ही बैडमिंटन में खुद को आजमा रही थी. साइना और सिंधु से मुझे बात करने का मौका मिला. उन्होंने मेरे प्रदर्शन को सराहा, जो मेरे लिए बड़ी बात थी. रैकिंग को और बेहतर बनाना मेरा लक्ष्य है और आने वाले ओलंपिक के लिए मैं आगे तैयारी करूंगी.'
फिटनेस बनाए रखना बड़ी चुनौती
अपनी फिटनेस को बनाए रखना मालविका का बड़ा टास्क होता है. वह कहती हैं, 'बचपन से ही फिटनेस को लेकर मैं काफी एक्टिव रही हूं. मैं फिजिकल और मेंटल फिटनेस दोनों पर काम करती हूं. मैं योग, स्ट्रेचिंग और रनिंग करती हूं और माइंड को फोकस रखने के लिए मेडिटेशन करती हूं, मैं अपने खेल को लेकर काफी ईमानदार और मेहनती हूं. कभी हार न मानना... इस सूत्र ने मुझे मजबूत खिलाड़ी बनाया है.'
लिन डैन से भी बहुत कुछ सीखा
मालविका ने अपने करियर के कुछ सुखद क्षण भी साझा किए. उन्होंने कहा, 'लाइफ में अब तक का सबसे बड़ा एचीवमेंट तो अभी नहीं आया है, बल्कि कुछ स्पेशल मोमेंट जरूर हैं... जैसे 2019 में मैंने वर्ल्ड नंबर-1 प्लेयर को जूनियर एशियन बैडमिंटन चैम्पियनशिप में हराया था. वहीं, सीनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में वर्ल्ड नंबर-18 प्लेयर क्रिस्टी को स्कॉटलैंड में हराया था. साथ ही, साइना के साथ खेला गया मैच मेरे लिए यादगार रहेगा. साइना के बाद अगर मैं किसी को इंटरनेशनल लेवल पर फॉलो करती हूं तो वो चीन के रिटायर्ड बैडमिंटन प्लेयर लिन डैन हैं. उनकी उपलब्धियां अकल्पनीय हैं, वो अपने प्रतिद्वंद्वी के दिमाग को अच्छे से पढ़ लेते थे. सबसे बड़ी खासियत जो मैंने उनके मैच को देखकर सीखी है वो है- प्रेजेंस ऑफ माइंड'.